केंद्र सरकार ने पुराने और खस्ताहाल सरकारी आवासों के रेनोवेशन का फैसला किया है. सरकार दिल्ली की दो पोश कॉलोनियों के करीब तीन हजार फ्लैट को रेनोवेट करने के लिए पांच हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. ये फ्लैट्स सरकारी कर्मचारियों के हैं. केंद्र सरकार के सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है. उनका कहना है कि लुटियंस के DIZ मार्ग (मंदिर मार्ग) और एंड्रयूज गंज के आधे हिस्से में मौजूद सरकारी आवासों को आलीशान फ्लैट्स में तब्दील कर दिया जाएगा और 400 हाई-एंड अपार्टमेंट भी बनेंगे. साथ ही कमर्शियल सेंटर बनेंगे, जो इस खर्च को रिकवर करने में मदद करेंगे.


द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार सरकार इस योजना के लिए करीब पांच हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. ये दोनों इलाके दिल्ली के सबसे पोश इलाकों में हैं. DIZ को लुटियंस दिल्ली का दिल कहा जाता है. सूत्रों ने बताया कि सरकार इस योजना की जिम्मेदारी NBCC को दी जाएगी. NBCC, पब्लिक हाउसिंग अंडरटेकिंग (PSU) है, जो हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के तहत काम करता है. पिछले महीने NBCC ने आर्किटेक्चरल और इंजीनियरिंग कंसल्टेंसी सर्विस के ठेके के लिए बिड बी आमंत्रित की थीं. 


5000 करोड़ का है प्रोजेक्ट
रिपोर्ट में टेंडर डॉक्यूमेंट का हवाला देते हुए बताया गया है कि दोनों कॉलोनी में होने वाले इस रिडेवलपेंट पर सरकार करीब पांच हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी. DIZ एरिया में 2,697 करोड़ रुपये की लागत से अपार्टमेंट बनाए जाएंगे. वहीं, एंड्रयूज गंज में 2,456 करोड़ खर्च किए जाने हैं. यह प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के उस प्लान का हिस्सा है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों की रिजीडेंशियल कॉलोनी को रिडेवलप किया जाना है.


कैसे होंगे फ्लैट?
रिपोर्ट में बताया गया कि  DIZ और एंड्रयूज गंज में करीब तीन हजार फ्लैट हैं और ये सभी बहुत बुरी हालत में हैं. DIZ में 31.6 एकड़ में सीनियर अधिकारियों के लिए 1,472 फ्लैट बनाए जाएंगे. ट्रांजिट होस्टल फैसिलिटी, कमर्शियल सेंटर और 4 बेडरूम वाले फ्लैट की 184 रेजीडेंशियल यूनिट भी बनेंगी. एंड्रयूज गंज की 66 एकड़ में से 31 एकड़ जमीन पर सीनियर अधिकारियों के लिए 1079 फ्लैट, कमर्शियल सेंटर और 4 बेडरूम वाले फ्लैट्स की 154 रेजीडेंशियल यूनिट बनाई जाएंगी. दोनों इलाकों में जो कमर्शियल यूनिट्स बनेंगी उनको बेचकर इस पूरे प्रोजेक्ट को कोस्ट रिकवर की जाएगी.


सरकारी कॉलोनियों के रिडेवलपमेंट पर काम कर रही सरका
रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों प्रोजेक्ट को 7GPRA और पूर्वी किदवई नगर के रिडेवलपमेंट मॉडल की तर्ज पर बनाया जाएगा. साल 2018 में एनबीसीसी ने किदवई नगर में सरकारी कर्मचारियों के आवास को रिडेवलप किया था. 7GPRA के तहत हाउसिंग रिडेवलपमेंट को केंद्र सरकार ने साल 2016 में अप्रूव किया था. इसके तहत दक्षिणी दिल्ली के सरोजिनी नगर, नोरोजी नगर, कस्तूरबा नगर, नेताजी नगर, श्रीनिवासपुरी, मोहम्मदपुर और त्यागराज नगर में सरकारी आवास को रिडेवलप किया जाना है. एनबीसीसी और सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (CPWD) इस पर काम कर रहा है. 


7GPRA के अलावा सरकार दिल्ली की पांच और कॉलोनियों के रिडेवलपमेंट पर भी काम कर रहा है. पिछले साल सरकार ने DIZ एरिया, एंड्रयूज गंज, पुष्प विहार, तिमारपुर और लोधी कॉलोनी के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया था. 


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