नई दिल्ली: केंद्र सरकार स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) अधिनियम में बदलाव कर सकती है. इसके मुताबिक, एसपीजी सुरक्षा पाए लोग विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनके साथ एसपीजी के सुरक्षाकर्मी भी मौजूद रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक, एसपीजी के अधिकारियों ने पिछले दिनों राहुल गांधी को कहा था कि यदि वह कहीं विदेश यात्रा पर जाएं तो अपने साथ एसपीजी को ले जाएं. विदेशों में एसपीजी बाहरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर उनकी सुरक्षा करेगी. लेकिन राहुल गांधी ने इससे इनकार कर दिया.


इसके पहले भी गांधी परिवार इस प्रस्ताव को नामंजूर कर चुका है. लिहाजा केंद्र सरकार अब एसपीजी एक्ट में बदलाव लाना चाहती है. जिसके तहत यह जरूरी कर दिया जाएगा कि यदि कोई एसपीजी सुरक्षा धारक विदेश जाता है तो उसे अपने साथ एसपीजी की टीम को ले जाना होगा.


देश के चुनिंदा राजनेताओं की सुरक्षा में तैनात रहने वाला एसपीजी सिर्फ चार लोगों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मिला है. कुछ समय पहले केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी गई एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी. सिंह को अब जेड प्लस सुरक्षा दी गई है.


SPG सुरक्षा क्या है?
यह देश में सबसे ऊंचे स्तर की सुरक्षा है. विशेष सुरक्षा दल (SPG) 2 जून, 1988 को संसद के एक अधिनियम द्वारा बनाया गया था. इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. इसमें जवानों का चयन पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स (BSF, CISF, ITBP, CRPF) से किया जाता है. यह बल गृह मंत्रालय के तहत काम करता है.


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ये जवान एक फुली ऑटोमेटिक गन FNF-2000 असॉल्ट राइफल से लैस होते हैं. कमांडोज के पास ग्लोक 17 नाम की एक पिस्टल भी होती है. कमांडो अपनी सेफ्टी के लिए एक लाइट वेट बुलेटप्रूफ जैकेट भी पहनते हैं. SPG के जवान अपने आंखों पर एक विशेष चश्मा पहने रहते थे. SPG एक हमलावर फोर्स नहीं बल्कि रक्षात्मक फोर्स है.