Economic Survey: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सोमवार (22 जुलाई 2024) को तीसरे कार्यकाल का पहला आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इसपर हमलावर होते हुए कांग्रेस पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. बजट के पहले ही केंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए खरगे ने कहा कि सरकार पिछले दरवाजे से तीन कृषि कानूनों को लागू करना चाहती है. उन्होंने इसी के साथ ये भी आरोप लगाया कि सरकार ने आज आर्थिक सर्वेक्षण के जरिए चीन को आर्थिक क्लीन चिट दे दी है. उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही राजनीतिक क्लीन चिट देकर गलवान के शहीदों का अपमान कर चुकी है.


माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए कहा, 'आप आज "ढाई घंटे तक गला घोंटा" का विलाप कर रहे थे, पर सच्चाई ये है कि आपकी सरकार ने 10 वर्षों में 140 करोड़ भारतीयों के अरमानों का गला घोंटा है!' इसी के साथ खरगे ने मोदी सरकार पर पांच गंभीर आरोप लगाए. 


खरगे ने NEET और महंगाई को लेकर बोला सरकार पर हमला


पहले आरोप में खरगे ने NEET का मुद्दा उठाया और कहा, "केंद्रीय शिक्षा मंत्री सदन में झूठ फैलाते हैं और NEET पेपर लीक पर जिम्मेदारी लेने से बचते हैं." उन्होंने कहा, "आज युवाओं का भविष्य अधर में है. बेरोजगारी दर 9.2 फीसदी पर है और नौकरियों के लिए भगदड़ मच रही है. दूसरे आरोप में खरगे ने महंगाई का मुद्दा उठाते हुए कहा, "कमरतोड़ महंगाई ने देश के परिवारों की बचत 50 वर्षों में सबसे निम्न स्तर पर कर दी है. खाद्य महंगाई 9.4 फीसदी पर है, अनाज की महंगाई 8.75 फीसदी, दलहन की महंगाई 16.07 फीसदी और सब्जी की महंगाई 29.32 फीसदी पर है.


'राजनीतिक के बाद अब दे दी चीन को आर्थिक क्लीन चिट'


खरगे ने अपनी पोस्ट में मोदी सरकार पर चीन को क्लीन चिट देने का गंभीर आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, "आर्थिक सर्वेक्षण कहता है कि चीन से FDI आना चाहिए. पीएम मोदी ने गलवान में 20 शहीदों का अपमान करते हुए चीन को राजनीतिक "क्लीन चिट" दी, आज उनके आर्थिक सर्वेक्षण ने चीन को आर्थिक "क्लीन चिट" दे दी है. भारत में चीनी वस्तुओं का आयात 2020 के बाद से 68 फीसदी बढ़ गया है और चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 75 फीसदी बढ़ गया है."


खरगे का दावा- कृषि कानून फिर से लाना चाहती है सरकार


मोदी सरकार पर लगाए चौथे आरोप में खरगे ने किसानों के हालात पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "किसानों की हालत खराब है. आज की  ही खबर कहती है कि अब मोदी सरकार पिछले दरवाजे से किसान विरोधी तीन काले कानून फिर से लागू करना चाहती है. अन्नदाता किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक कृषि आय मात्र 5,298 रुपए है!"


जमीन से कोसों दूर है आर्थिक सर्वे- मल्लिकार्जुन खरगे


पांचवें आरोप में खरगे ने कहा, "आर्थिक सर्वेक्षण सफेद झूठ बोलकर दावा करता है कि गरीबी लगभग खत्म हो गई है. सच्चाई ये है कि देश में अमीरों और गरीबों के बीच अंतर 100 वर्षों में सबसे अधिक है." खरगे ने कहा कि आर्थिक सर्वे जमीनी सच्चाई से कोसों दूर है.


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