(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मोदी सरकार यूपीए सरकार के वक्त की गोल्ड स्कीम की जांच कराएगी
यूपीए सरकार के दौरान 13 अगस्त 2013 को 80:20 गोल्ड स्कीम लागू की गई थी. सोना के आयात में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए इसे लागू किया गया था.
नई दिल्लीः यूपीए सरकार के दौरान चलाई गई 80:20 गोल्ड स्कीम को लेकर मामला और गर्मा गया है. मोदी सरकार यूपीए सरकार के वक्त की गोल्ड स्कीम की जांच कराएगी. दरअसल कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर चोकसी से कमीशन लेने का आरोप लगाया था.
On 15 May 2014, P Chidambaram announced a new policy in which Star Trade Operators were attached to premium trading houses which included Gitanjali jewellers: Union Minister Ravi Shankar Prasad. pic.twitter.com/R26JrC32ox
— ANI (@ANI) March 7, 2018
इसे लेकर रविशंकर प्रसाद ने आरोप लगाया था कि इस गोल्ड स्कीम के बहाने गीतांजलि जेम्स सहित 7 कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया. आज केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 80-20 स्कीम को लेकर मेरे सवालों के जवाब में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने जो प्रश्नचिन्ह लगाए थे, उसका जवाब यहां है. उन्होंने कहा, '15 मई 2014 को नीतिगत फ़ैसले लिए गए जबकि 16 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने वाले थे. उससे एक दिन पहले बदलाव करके कई कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया. इसी में मेहुल चोकसी की कंपनी भी शामिल थी. आचार संहिता लागू रहने के दौरान ऐसा फैसले मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन होते हैं. लेकिन ऐसी क्या जरूरत थी कि पी चिदंबरम को उसी दिन नियमों में बदलाव करके कुछ खास कंपनियों को फायदा पहुंचाना पड़ा?
क्या थी 80:20 स्कीम यूपीए सरकार के दौरान 13 अगस्त 2013 को 80:20 गोल्ड स्कीम लागू की गई थी. सोना के आयात में लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए इसे लागू किया गया था. इस स्कीम के तहत गोल्ड के आयात की इजाज़त उसी को मिलने का प्रावधान था जो इंपोर्टेड किए गए कुल गोल्ड का कम से कम 20 फीसदी गहनों के तौर पर एक्सपोर्ट करे. यूपीए सरकार ने इस स्कीम को पहले जनवरी 2014 और फिर मई 2014 में रिन्यू किया. नरेंद्र मोदी सरकार ने 28 नवंबर 2014 को इस स्कीम को बंद करने का फैसला लिया.
दरअसल 21 मई 2014 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आदेश दिया जिसमें इस स्कीम को बढ़ाते हुए सिर्फ 7 कंपनियों को ही गोल्ड के आयात की इजाज़त दी गई. इन कंपनियों में एक मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स भी थी. चिदंबरम ने इस आदेश पर 16 मई 2014 को हस्ताक्षर किए थे जिस दिन लोकसभा चुनाव के नतीजे आए और एनडीए को सत्ता मिलने का रास्ता साफ हुआ. अब माना जा रहा है कि यही फैसला पी चिदंबरम के लिए परेशानी की वजह भी बन सकता है.
UPA govt during P Chidambaram's tenure opened all doors for the favorable companies. Those who have been prohibited from participating 80/20 scheme were brought in: Union Minister Ravi Shankar Prasad pic.twitter.com/1iGFTLy6W8
— ANI (@ANI) March 7, 2018