नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था पर भारी संकट में आ गई है. ऐसे मुश्किल हालात आम लोगों को घोर आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है. वहीं बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां भी गई हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने 'आत्मनिर्भर निधि' योजना की घोषणा की है. इस योजना के तहत रेहड़ी-पटरी लगाने वाले, छोटे कारोबारी 10,000 रुपये तक का कर्ज देशभर के 3.8 लाख साझा सेवा केंद्रों (सीएससी) के जरिए ले सकेंगे.


प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा वित्तपोषित है.इस योजना से रेहड़ी-पटरी वालों को औपचारिक स्वरूप मिलेगा और इस क्षेत्र के लिए नए अवसर खुलेंगे.


योजना के तहत कर्ज लेने वाले इन कारोबारियों को कर्ज का नियमित रूप से भुगतान करने का प्रोत्साहन दिया जाएगा. डिजिटल लेनदेन करने पर सरकार द्वारा इनाम भी दिया जाएगा.


योजना की खास बातें 
-आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के मुताबिक योजना के तहत शहरी क्षेत्र के रहड़ी पटरी वालों को 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी दी जाएगी.


-यह पूंजी एक साल की अवधि के लिए दी जाएगी और भुगतान किस्तों में करना होगा.


-कर्ज के लिए कर्ज देने वाले संस्थान द्वारा कोई रहन अथवा गारंटी नहीं ली जाएगी.


-सभी कारोबारियों को डिजिटल लेनदेन करना होगा, उन्हें इसमें कैशबैक की पेशकश मिलेगी.


-योजना के लिए सिडबी को क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया गया है.


-अब तक इस योजना के लिए दो लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं जबकि 50 हजार कारोबारियों को कर्ज मंजूर हुआ है.


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