Cabinet Meeting Briefing: मोदी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग को कुछ अहम फैसले लिए हैं, जिसमें फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को मजबूत करना और पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत युवाओं को अच्छी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता देने जैसे फैसले शामिल हैं. केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में आज बुधवार (06 नवंबर) को ये जानकारी दी.


अश्वनी वैष्णव ने कहा, "आज किसानों के लिए कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को और मजबूत किया जाएगा, आज कैबिनेट ने दस हज़ार सात सौ करोड़ रुपए फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को दिए जाएंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा अनाज खरीदा जा सके."


'छात्रों को मिलेगा आसाना से लोन'


उन्होंने आगे कहा, "कैबिनेट ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है, ताकि वित्तीय बाधाओं के कारण भारत का कोई भी युवा गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा पाने से न रोके. इस योजना के तहत, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान (QHEI) में प्रवेश लेने वाला कोई भी छात्र बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी जमानत या गारंटर के लोन लेने का पात्र होगा, ताकि पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर किया जा सके. पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत, हर यूथ को ये गारंटी रहे की, अगर उसका अच्छे कॉलेज में एडमिशन हुआ है तो वित्तीय अभाव में वो पढ़ाई से वंचित नहीं होगा, इसमें 10 लाख तक का लोन आसानी से दिया जाएगा."


केंद्रीय मंत्री ने बताया, "इस योजना के तहत 7.5 लाख रुपये तक की लोन राशि पर भारत सरकार की ओर से 75% क्रेडिट गारंटी प्रदान की जाएगी, ताकि बैंकों को कवरेज का विस्तार करने में सहायता मिल सके. इसके अलावा, 8 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले छात्रों के लिए, इस योजना में 10 लाख रुपये तक के लोन पर 3% ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी."


एफसीआई को मजबूत करने की ओर मोदी सरकार का कदम


अश्वनी वैष्णव ने कहा, "कैबिनेट ने 2024-25 में वेज एंड मीन्स एडवांस को इक्विटी में परिवर्तित करके भारतीय खाद्य निगम (FCI) में 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने को मंजूरी दी. इस निर्णय का उद्देश्य कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना और देश भर में किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है. FCI के संचालन में कई गुना वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप अधिकृत पूंजी फरवरी, 2023 में 11,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 21,000 करोड़ रुपये हो गई. वित्त वर्ष 2019-20 में FCI की इक्विटी 4,496 करोड़ रुपये थी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 10,157 करोड़ रुपये हो गई.


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