नई दिल्लीः 25 दिसम्बर 2019 को शुरू किए गए जल जीवन मिशन का लक्ष्य देश के ग्रामीण इलाकों के हर घर में 2024 तक नल से पीने का पहुंचाना है. हाल में पेश किए गए आम बजट में 2021 - 22 के दौरान इस योजना के लिए 50,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है. ये 2020 -21 के आवंटित बजट से करीब पांच गुना ज़्यादा है.


सोमवार को इसी योजना से जुड़ा एक बड़ा ऐलान किया गया. जल शक्ति मंत्रालय ने आंकड़ों के ज़रिए बताया कि गोवा और तेलंगाना के गांवों में अब ऐसा कोई घर नहीं बचा है जहां पीने का पानी नल से न आता हो. गोवा के दोनों और तेलंगाना के सभी 32 ज़िलों के गांव के हर घर तक ये सुविधा पहुंचा दी गई है. यानि अब इन दोनों राज्यों के गांवों में किसी को भी पीने का पानी लाने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ता है. जल जीवन मिशन के वेबसाइट पर ये आंकड़े उपलब्ध हैं.


इस साल बिहार के सभी ग्रामीण इलाकों में पहुंचेगा पानी
इसके अलावा गुजरात और हरियाणा के 5 - 5 , पंजाब और हिमाचल प्रदेश के 3 और जम्मू कश्मीर के 2 ऐसे ज़िले हैं जिनके ग्रामीण इलाकों के सभी घरों में नल से पानी पहुंचने लगा है. इन सभी 52 ज़िलों को मिला दें तो अब तक देश के 74,207 गांवों के लोगों को सुदूर श्रोतों से पानी लाने के अभिशाप से मुक्ति मिल चुकी है. मिशन के वेबसाइट के मुताबिक़ इस साल बिहार , पुडुचेरी और अंडमान निकोबार द्वीप समूह के सभी ग्रामीण घरों में भी नल से पीने का पहुंचने लगेगा.


मिशन की शुरुआत से पहले 17 फीसदी घरों में ही नल से पहुंच रहा था पीने का पानी
25 दिसम्बर 2019 को इस मिशन की शुरुआत से पहले देश भर के गांवों के केवल 3.23 करोड़ यानि क़रीब 17 फ़ीसदी घरों में ही नल से पीने का पानी मुहैया हो रहा था. मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक़ कोरोना महामारी के बावजूद तब से लेकर अबतक ग्रामीण इलाकों के 3.37 करोड़ नए घरों में नल से पीने का पानी पहुंचाया जाने लगा है. अब कुल 6.60 करोड़ ग्रामीण घरों में पीने का पानी सीधे नल से पहुंच पा रहा है जो कुल घरों का 34 फ़ीसदी से कुछ ज़्यादा हो गया है.


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