मोदी सरकार प्रवासी मजदूरों को सशक्त करने के लिए उन्हें प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है. कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, मध्य प्रदेश और झारखंड के 116 जिलों की पहचान कर वहां के 3 लाख प्रवासी मजदूरों की ट्रेनिंग शुरू कर दी है.


मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 2016-2020 के तहत इसका उद्देश्य  कोविड-19 युग के बाद केन्द्र की तरफ से प्रयोजित ट्रेनिंग से प्रवासी मजदूरों और ग्रामीण आबादी को सशक्त करना है.


जिला मजिस्ट्रेटों के साथ मिलकर मंत्रालय इन जिलों में 125 दिनों का कौशल विकास कार्यक्रम चला रहा है. प्रशिक्षण की शुरुआत पहचान किए गिए कुछ जिलों में पहले ही शुरू हो चुका है और आने वाले महीनों में धीरे-धीरे इसका दायरा अन्य हिस्सों में बढ़ता जाएगा.


पीएमकेवीवाई 2016-20 के तहत मौजूदा ट्रेनिंग देने वालों और प्रोजेक्ट लागू करने वाली एजेंसियों के जरिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है. एक तरफ जहां शॉर्ट टाइम ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत डेढ लाख प्रवासी कामगारों को प्रशिक्षित किया जा रहा है तो वहीं अन्य डेढ लाख प्रवासी मजदूरों की पहचान की जा रही है. इन जिलों में स्थानीय नौकरियों की मांग और वापसी करन वाले प्रवासियों को ट्रेनिंग देने का यह काम जिला प्रशासनों की तरफ से किया जा रहा है.


ग्रामीण विकास के लिए कौशल और उद्यमिता को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि कौशल सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण विकास स्किल इंडिया मिशन का आधारभूत तत्व है, क्योंकि कुल काम करने वालों में 70 ग्रामीण भारत से आते हैं.