Modi Govt Cabinet Expansion: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में कई बदलावों की तैयारी चल रही है. बताया जा रहा है कि अगले कुछ ही दिनों में मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में कई और मंत्रियों का नाम जुड़ सकता है. कैबिनेट विस्तार की तैयारियों को लेकर दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ मीटिंग की. कहा जा रहा है कि पीएम मोदी ने कैबिनेट एक्सपेंशन की तैयारियों का रोडमैप तैयार कर लिया है. इस बदलाव में कुछ ऐसे मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है, वहीं कैबिनेट में कई नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं.
कई मंत्रियों की कुर्सी पर खतरा
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कई मंत्रियों को पिंक स्लिप पकड़ा दी है और कई नए सहयोगियों को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है. गुजरात के तीन मंत्री डेंजर जोन में आ चुके हैं. मनसुख मांडविया, पुरुषोत्तम रुपाला और दर्शना जरदोश की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है. यूपी से भी कुछ मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है, क्योंकि अभी यूपी से मोदी कैबिनेट में 16 मंत्री हैं. जुलाई 2022 में मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह दोनों का राज्यसभा टर्म खत्म हो गया था. जिसके बाद दोनों ने मंत्रीपद से इस्तीफा दिया था. मोदी सरकार में फिलहाल 75 मंत्री हैं, विस्तार के बाद मोदी समेत कुल 81 मंत्री हो सकते हैं.
चुनावी राज्यों पर फोकस
प्रधानमंत्री मोदी का फोकस 2024 के साथ उन राज्यों पर भी है, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में मोदी कैबिनेट में इन राज्यों से प्रतिनिधित्व बढ़ सकता है. खबर है कि मध्य प्रदेश से कुछ नेताओं को मंत्रिमंडल में एडजस्ट किया जा सकता है. तेलंगाना से भी मोदी के मंत्रिमंडल में कोई नया चेहरा दिख सकता है. वहीं राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल का रिप्रेजेंटेशन है. इसलिए कम चांस है कि यहां से किसी नए चेहरे को एडजस्ट किया जाए. चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ से भी बीजेपी के किसी बड़े नेता को केंद्र में भेजा जा सकता है.
कब तक होगा कैबिनेट विस्तार?
अब सवाल कैबिनेट एक्सपेंशन की औपचारिकताओं का है. नए मंत्रियों को शपथ राष्ट्रपति दिलाते हैं, चूंकि राष्ट्रपति 7 जुलाई तक दिल्ली में मौजूद नहीं रहेंगी इसलिए कहा जा रहा है कि कैबिनेट विस्तार 7 जुलाई के बाद संभव हो सकता है. 7 जुलाई को पीएम गीता प्रेस के कार्यक्रम के लिए गोरखपुर में रहेंगे, 8 जुलाई को भी पीएम मोदी दिल्ली से बाहर हैं. इसके बाद पीएम 13 जुलाई को फ्रांस जा रहे हैं. ऐसे में 9 से 12 जुलाई की विंडो दिखाई दे रही है. यानी इन तीन दिनों में कैबिनेट एक्सपेंशन वाली प्रक्रिया पूरी हो सकती है.
साउथ पर हो सकता है फोकस
पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स भी कैबिनेट विस्तार को लेकर अपना विश्लेषण कर रहे हैं. एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए सीनियर जर्नलिस्ट समीर चौगनकर ने कहा, "मुझे ऐसा लग रहा है कि एनडीए के जो घटक दल छोड़कर चले गए थे, उन्हें फिर से जोड़ने की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा दक्षिण से भी प्रतिनिधित्व बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि हाल ही में कर्नाटक में बीजेपी की हार हुई थी. पीएम मोदी का भी साउथ पर फोकस है. हो सकता है कि तेलंगाना से कुछ नए मंत्री बनाए जाएं, हो सकता है कि तमिलनाडु से भी किसी को राज्यसभा भेजा जाए. मंत्रिमंडल का विस्तार आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए ही किया जाएगा. "
कौन बन सकता है मंत्री
अब मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कुछ नाम सामने आ रहे हैं. जिनमें महाराष्ट्र से देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हैं. फडणवीस के दिल्ली जाने की अटकलें तेज हैं. वहीं शिंदे गुट से प्रताप राव जाधव/भावना गवली को मौका मिल सकता है. उधर हाल ही में बीजेपी के साथ हाथ मिलाने वाले एनसीपी नेताओं को इनाम मिल सकता है. कहा जा रहा है कि एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल मंत्री बन सकते हैं, जो अभी राज्यसभा सांसद हैं. वो UPA सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं
बिहार और पंजाब से ये नाम
बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं यहां से LJP(आर) के चिराग पासवान मंत्री बनाए जा सकते हैं, जिनके NDA में शामिल होने की बातचीत जारी है. वहीं पंजाब में अगर NDA में अकाली दल शामिल होता है तो हरसिमरत कौर को मंत्री पद दिया जा सकता है. वो मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. उन्होंने किसान आंदोलन के मुद्दे पर इस्तीफा दिया था. अकाली दल ने NDA में दोबारा शामिल होने के संकेत दिए हैं.
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