Modi Govt on News Outlets: भारत सरकार सूचना या कंटेंट के इस्तेमाल को लेकर मौजूदा आईटी कानूनों (IT Laws) में बदलाव की तैयारी में दिख रही है. केंद्रीय आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री (IT Minister) राजीव चंद्रशेखर ने कहा, सरकार चाहती है कि बिग टेक कंपनियां कंटेंट के लिए न्यूज आउटलेट्स (News Outlets) को भुगतान करें. सरकार बड़ी टेक कंपनियों को जैसे गूगल, मेटा यानी फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप के मालिक, माइक्रोसॉफ्ट, एपल, ट्विटर और अमेज़न को भारतीय समाचार पत्रों और डिजिटल समाचार प्रकाशकों को राजस्व का हिस्सा बनाने के लिए उपयोग के तौर पर देख रही है.


भारत सरकार का शायद ये पहला आधिकारिक बयान है जिसमें स्वतंत्र समाचार और प्रकाशन आउटलेट के सूचना का इस्तेमाल करने के लिए वैश्विक इंटरनेट दिग्गजों को भुगतान करने की योजना है. 


आईटी कानूनों के बदलाव की तैयारी में सरकार


IT और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह कदम नियामक हस्तक्षेपों के जरिए उठाया जा रहा है, जो मौजूदा आईटी कानूनों में संशोधन के हिस्से के रूप में हो सकता है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि डिजिटल विज्ञापन पर बाजार की शक्ति जो वर्तमान में बिग टेक की बड़ी कंपनियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही है, जो भारतीय मीडिया कंपनियों को नुकसान की स्थिति में रखती है. 


विज्ञापन राजस्व पर किसका कब्जा?


आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स राज्य मंत्री (IT Minister) राजीव चंद्रशेखर (Rajiv Chandrashekhar) ने आगे कहा, ये एक ऐसा मुद्दा है जिसकी गंभीरता से जांच की जा रही है. गौरतलब है कि वैश्विक डिजिटल (Global Digital) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इंटरनेट (Internet) और स्मार्टफोन के तेजी से प्रसार से अत्यधिक लाभ प्राप्त किया है और विज्ञापन राजस्व के साथ-साथ दर्शकों (प्रिंट और वीडियो दोनों) को हथियाने में कामयाब रहे हैं. सरकार को लगता है कि सोशल मीडिया और टेक प्लेटफॉर्म के विकास में केवल कुछ मुट्ठी भर बड़ी टेक कंपनियों के साथ बाजार की ताकत को मजबूत किया गया है, जिससे कई मूल सामग्री निर्माता नुकसान में हैं.


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