नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार आतंकियों के खिलाफ रमज़ान से पहले शुरू सस्पेंशन ऑफ ऑपेरशन को रमजान के बाद भी आगे जारी करने पर विचार कर रही है. हालांकि ऑपेरशन पर रोक के दौरान हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. गृह मंत्रालय के मिली रिकॉर्ड के मुताबिक मई 16 को ऑपेरशन पर रोक के एलान के बाद नागरिकों के खिलाफ 13 हिंसक घटनाएं हुईं. इसमें एक नागरिक की मौत हो गई और 13 घायल हुए. जबकि एलान से पहले के हफ़्ते में सिर्फ चार हिंसक घटनाएं हुई थी जिसमे किसी की मौत नहीं हुई थी.
जबकि ऑपेरशन के रोक के बावजूद सुरक्षा बलों ने चार आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई लेकिन इसमें सुरक्षा बलों को कोई नुकसान नहीं हुआ. जबकि ऑपेरशन पर रोक से पहले सुरक्षा बल के तीन जवान शहीद और तीन घायल हए थे. हालांकि सरकार के लिए ऑपेरशन पर रोक के बाद पत्थरबाज़ी की घटनाओं में कमी आई है और एक हफ्ते में 44 के बजाय 16 पत्थरबाज़ी की घटना हुई. इसमें 17 नागरिक घायल हुए थे.
इसे रमजान से पहले केन्द्र सरकार ने कश्मीर में लागू किया था, जिसके चलते घाटी में सुरक्षाबलों की तरफ से कोई नया आपरेशन नहीं चलाया जाना था. हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी के बावज़ूद सरकार को ये रिपोर्ट मिली है कि इस फैसले के लागू होने के बाद घाटी में लोगों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया आ रही है. जबकि सुरक्षा बलों को अलगावादी और आतंकी गुट उकसाने में जुटे हैं.
लेकिन घाटी के साथ सीमा पर सुरक्षाबल चुनौती का सामना कर रहे हैं. पाकिस्तान की तरफ से कार्रवाई में उतनी ही तेजी आई है, जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान कतई ये नहीं चाहता कि ये फैसला घाटी में सफल हो.
पाकिस्तान की तरफ से की जा रही फायरिंग की कार्रवाई के जवाब में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उतनी ही मुस्तैदी से जवाब दे रही हैं. यही वजह है कि बीएसएफ की रिपोर्ट के अनुसार पाक को कार्रवाई का तीन गुना नुकसान उठाना पड़ रहा है. नुकसान के वज़ह से ही पाकिस्तान ने फोन कर कार्रवाई रोकने की मांग के थी. बीएसएफ हर दिन कार्रवाई की रिपोर्ट गृह मंत्रायल को भेज रहा है.