नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सांसदों के भत्ते में बढ़ोत्तरी का फैसला कर सकती है. कल प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक होगी जिसमें सांसदों का भत्ता बढ़ाने पर फैसला हो सकता है. एबीपी न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक संसदीय कार्य मंत्रालय के प्रस्ताव में सांसदों के मूल वेतन के बारे में कुछ नहीं कहा गया है.


दरअसल इस साल के अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों के वेतन को लेकर एक कानून बनाने का ऐलान किया था. इसके तहत हर पांच साल पर खुद-ब-खुद सांसदों के वेतन की समीक्षा होती रहेगी. संसदीय कार्य मंत्रालय के प्रस्ताव के मुताबिक सांसदों के संसदीय क्षेत्र भत्ता, फ़ोन भत्ता और मकानों की मरम्मत से जुड़े भत्ते में बढ़ोत्तरी हो सकती है. हालांकि सांसदों को गाड़ी खरीदने के लिए मिलने वाले अग्रिम भत्ते में या तो कटौती हो सकती है या फिर उसे पूरी तरह खत्म भी किया जा सकता है. फिलहाल सांसदों को गाड़ी खरीदने के लिए 4 लाख रुपये तक अग्रिम भत्ता मिलता है जो उन्हें ब्याज के साथ लौटाना पड़ता है.


इसके साथ ही समय की मांग को देखते हुए सांसदों को वाईफाई लगवाने जैसे नए भत्ते की भी घोषणा हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक सत्र के दौरान सांसदों की पत्नियों को एक बार मिलने वाले यात्रा भत्ता में भी फेर बदल हो सकता है.