New Bills: मोदी सरकार के मंत्री बोले- IT Act की जगह लाएंगे डिजिटल इंडिया कानून, डेटा प्रोटेक्शन बिल पर दिया ये जवाब
Rajeev Chandrasekhar: आने वाले दिनों में आईटी कानून को डिजिटल इंडिया एक्ट से बदला जाएगा, यह जानकारी कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी.
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Digital India Act To Replace IT Act: केंद्र सरकार (GOI) ने आने वाले दिनों में कुछ नए विधेयकों (New Bills) को संसद (Parliament) में पारित कराने का लक्ष्य रखा है. उन्हीं में से एक है डिजिटल इंडिया एक्ट (Digital India Act), जिसके बारे में केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने मीडिया से बात की. चंद्रशेखर ने बताया, ''हम आईटी एक्ट के स्थान पर डिजिटल इंडिया एक्ट लाएंगे. हम प्रोद्योगिकी क्षमता पर प्रधानमंत्री की दृष्टि बताने वाला कानूनों और नियमों का एक आधुनिक ढांचा लाएंगे जो नवाचार और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा.''
इससे पहले उन्होंने कहा, ''हम नहीं चाहते कि कोई कानून-नीति हमारे इनोवेशन इकोसिस्टम के आड़े आए. हम कानूनों का एक व्यापक ढांचा ला रहे हैं, जिनमें से एक डिजिटल डेटा संरक्षण विधेयक होगा.'' डेटा संरक्षण विधेयक को संसद से वापस लिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह बिल बहुत जटिल हो गया था. उन्होंने कहा कि ऐसे बहुत से संशोधन थे जिनसे स्टार्टअप और छोटी कंपनियों के लिए उच्च स्तर की मंजूरी जरूरत हो गई थी.
We will also be bringing a Digital India Act, as a replacement for the IT Act. To catalyze PM's vision of India's Techade, we will bring a modern framework of laws & rules that will be acting as catalysts for innovation & protecting citizen's rights: MoS Rajeev Chandrasekhar pic.twitter.com/kN3sywm7HN
— ANI (@ANI) September 7, 2022
कब आया था डेटा संरक्षण विधेयक और क्यों लिया गया वापस?
सरकार 2019 में समकालीन डिजिटल गोपनीयता कानूनों वाले डेटा संरक्षण विधेयक को लाई थी लेकिन विपक्ष के विरोध के चलते उसे पिछले वर्ष वापस ले लिया गया था. विपक्ष का आरोप था कि इस कानून के जरिये सरकार किसी भी व्यक्ति की जासूसी आसानी कर सकती है. दरअसल, लोगों के निजी डेटा का इस्तेमाल कंपनियां और सरकार किस तरह करें और इसे कैसे नियंत्रित किया जाए, इस उद्देश्य के साथ यह विधेयक लाया गया था.
इस बिल मसौदा 2018 में जस्टिस बीएम श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया था. 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक पहली बार लोकसभा में पेश किया गया था. इसके बाद विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था, जिसने 16 दिसंबर 2021 को लोकसभा में अपनी रिपोर्ट पेश की. समिति ने अपनी रिपोर्ट में व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत दोनों प्रकार के डेटा से निपटने के लिए एक एकल कानून का प्रस्ताव रखा था.
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