नई दिल्ली: राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार पर हमलावर है. वहीं सरकार और बीजेपी लगातार प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए माफी की मांग कर रही है. कल सुबह करीब 11 बजे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों के बीच खूब जुबानी तीर चले. दिन में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की तो शाम होते-होते कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मीडिया से मुखातिब हुए. शाह ने कहा कि जो चोर हैं वही चौकीदार से डरते हैं. राहुल गांधी माफी मांगें. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं साबित करूंगा की चौकीदार चोर है. ऐसे में समझना जरूरी है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां आखिर क्यों आक्रामक है? 10 प्वाइंट में समझें-


1. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके सामने पेश किए गये दस्तावेज बताते हैं कि केंद्र सरकार ने राफेल लड़ाकू जेट के मूल्य निर्धारण ब्योरे से संसद को अवगत नहीं कराया, लेकिन उसने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) के सामने इसका खुलासा किया शीर्ष अदालत ने कहा कि कैग रिपोर्ट को संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) परख भी चुकी है


2. PAC को नहीं मिली रिपोर्ट: अब सुप्रीम कोर्ट के इसी टिप्पणी पर विवाद शुरू हो गया है. कांग्रेस का दावा है कि सीएजी की रिपोर्ट पीएसी को कभी नहीं मिली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पीएसी (लोक लेखा समिति) को कैग रिपोर्ट दी गई है, जबकि पीएसी को कोई रिपोर्ट नहीं मिली’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ये कैसे हो सकता है कि जो कैग रिपोर्ट फैसले की बुनियाद है वो पीएसी में किसी को नहीं दिखी लेकिन सुप्रीम कोर्ट में दिखी?’’ उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई झूठ बोलता है तो वह कहीं न कहीं नजर आ जाता है अब सरकार हमें बताए कि सीएजी रिपोर्ट कहां हैं? हमें यह दिखाएं’’ पीएसी के चेयरमैन कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे हैं.


3. कैग रिपोर्ट कहां है?: राफेल डील में सीबीआई जांच की मांग कर रहे याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा और प्रशांत भूषण ने तो यहां तक पूछा है कि आखिर कैग की रिपोर्ट कहां है. जिसके बाद सूत्रों ने बताया कि राफेल पर कैग रिपोर्ट जनवरी के आखिर में आएगा. राफेल पर कैग की रिपोर्ट अन्य रक्षा सौदों पर आने वाली कैग रिपोर्ट के साथ दिया जाएगा.


4. जनवरी में आएगा रिपोर्ट: सूत्रों के मुताबिक, इस मसले पर सरकार ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को गुमराह नहीं किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने कहा कि राफेल मामले में कैग परीक्षण कर रही है, ये सुप्रीम कोर्ट में नहीं बताया है कि पीएसी ने रिपोर्ट देखी है.


5. याचिकाकर्ता ने उठाए सवाल: याचिकाकर्ता यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आश्चर्य जताया. उन्होंने कहा, "हमें यह नहीं पता कि सीएजी को कीमत का ब्यौरा मिला है या नहीं, लेकिन बाकि सारी बातें झूठ हैं न ही सीएजी की तरफ से पीएसी को कोई रिपोर्ट दी गई है, न ही पीएसी ने ऐसे किसी दस्तावेज का हिस्सा संसद के समक्ष प्रस्तुत किया और न ही राफेल सौदे के संबंध में ऐसी कोई सूचना या रिपोर्ट सार्वजनिक है लेकिन सबसे हैरत की बात है कि इन झूठे आधार पर देश की शीर्ष अदालत ने राफेल पर फैसला सुना दिया!"





6. जेपीसी की मांग: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मामले की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग करते हुए कहा कि अगर यह जांच हो गई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति अनिल अंबानी का नाम ही सामने आएगा


7. राहुल का वार: उन्होंने कहा, ‘‘ मोदी जी ने संस्थाओं की धज्जियां उड़ा दी हैं सच्चाई यह है कि यहां पर 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी हुई है हम साबित करके रहेंगे कि देश का चौकीदार चोर है और प्रधानमंत्री जी ने अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये की चोरी कराई है’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी जितना छिपना है, छिप लें जिस दिन जेपीसी की जांच हो गई उस दिन दो नाम निकलेंगे-अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी’’


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8. सरकार का पलटवार: राहुल गांधी के हमले के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कानून मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी राफेल पर झूठ परोस रहे हैं. उन्होंने देश के लोकप्रिय और ईमानदार प्रधानमंत्री पर शर्मनाक टिप्पणी की है. प्रसाद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कोर्ट से ऊपर हैं?


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9. क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला: सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी साथ ही शीर्ष अदालत ने सौदे में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध करने वाली सभी याचिकाओं को खारिज किया सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है


10. अमित शाह ने क्या कहा?: ऑफसेट साझेदार के मामले पर तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि किसी भी निजी फर्म को व्यावसायिक लाभ पहुंचाने का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि जनता को गुमराह करने और सेना के बारे में संदेह पैदा करने के लिए राहुल गांधी को देश की जनता से मांफी मांगनी चाहिए .


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