अयोध्या: देश की आध्यात्मिक नगरी अयोध्या में दीपावली को लेकर भव्य आयोजन किया गया. अयोध्या के सरयू के तट पर रामकथा पार्क में सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक ने भगवान राम, सीता और लक्ष्मण का माला पहनाकर स्वागत किया, आरती उतारी और राजतिलक भी किया. इसके साथ दीपोत्सव कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यों को ‘राम राज्य’ स्थापित करने की दिशा में उठाए गए कदम बताया. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के कार्यों से देश के आम नागरिक को जो सुख मिलेगा, वही ‘राम राज्य’ होगा.


प्रधानमंत्री का सपना, हर परिवार के सिर पर हो छत: सीएम योगी


सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री का सपना है कि हर परिवार के सिर पर छत हो. साल 2019 तक अपना शौचालय हो, बिजली हो. यही रामराज्य है. अगर हर गरीब के पास घर हो, रोजगार हो, बिजली हो तो उसके लिए वही रामराज्य है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘संकल्प से सिद्धि तक’ का मंत्र दिया है. उनका संकल्प है कि एक ऐसा भारत बने जो गंदगी, गरीबी, जातिवाद, सम्प्रदायवाद, आतंकवाद, नक्सलवाद से मुक्त हो.’’


मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘भगवान राम उस समय के सबसे बड़े आतंक के पर्याय रावण और उसकी सेना को मारकर अयोध्या लौटे थे...आज इस देश को जिस दिशा में प्रधानमंत्री ले जा रहे हैं, निरन्तर विकास की योजनाएं चल रही है...हम आप सबको आश्वस्त कर सकते हैं. एक-एक कर सारे कार्य हो रहे हैं, केवल उस संकल्प के साथ जुड़िए, अगर आपके पास ताकत होगी तो उसके बल पर कुछ भी कर सकते हैं. वह ताकत होगी विकास की. वह ताकत होगी भारत को ताकतवर बनाने की इच्छा की.’’


अयोध्या को उसके असल रूप में पेश किया जाए: सीएम योगी


‘जय श्री राम’ के जयकारों के बीच सीएम योगी ने कहा कि अयोध्या के बारे में देश और दुनिया के मन में क्या है. इसकी तस्वीर पेश करने के लिए जरूरी था कि दुनिया को मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करने वाली सभी चीजें देने वाली अयोध्या को उसके असल रूप में पेश किया जाए. उसे नकारात्मक चर्चा के बिंदु से उसे सकारात्मकता तक ले जाने का हमारा अभियान है.


लगातार प्रहार झेलने को मजबूर होती गई अयोध्या: सीएम योगी


सीएम योगी ने पूर्ववर्ती सरकारों के बारे में कहा, ‘‘वह रावण राज्य था जो जाति, परिवार और क्षेत्र के नाम पर भेदभाव करता था. अब वे ही लोग बीजेपी सरकारों पर ऐसे आरोप लगा रहे हैं, जिनका खण्डन करना हम अपना अपमान समझते हैं. सरकार विकास कार्य से रामराज्य की परिकल्पना को साकार करना चाहती है.’’ उन्होंने कहा कि अयोध्या ने दुनिया को दीपोत्सव दिया लेकिन अयोध्या खुद उपेक्षित हो गयी. वह लगातार प्रहार झेलने को मजबूर होती गयी, लेकिन अब यह स्थिति नहीं रहेगी. आज 135 करोड़ रुपये की लागत से केन्द्र की योजनाओं का शिलान्यास हुआ है.


'लोग नकारात्मकता छोड़कर अयोध्या के बारे में सही तरीके से सोचना शुरू करें'


मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या को आशंकाओं की नजरों से देखना बंद हो, उस पर से प्रश्नचिह्न हटे. हम इसके लिये यहां उपस्थित हुए हैं. अब कहा जा रहा है कि हम जनता का ध्यान हटाने के लिये अयोध्या आए हैं. लेकिन हम तो अपनी योजनाओं के साथ यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश-दुनिया में पर्यटन का हब बने. इसकी शुरुआत हम अयोध्या से करने जा रहे हैं, ताकि अयोध्या पुराने वैभव के साथ फिर स्थापित हो. लोग नकारात्मकता छोड़कर अयोध्या के बारे में सही तरीके से सोचना शुरू करें. अयोध्या उपेक्षित नहीं होगी. यहां पर्यटन को बढ़ावा देने में जो सहायक होगा, हम उसे केन्द्र के साथ मूर्तरूप देंगे.


युवाओं को रोजगार दिलाना सरकार की जिम्मेदारी: सीएम योगी


सीएम ने कहा कि युवाओं को रोजगार दिलाना सरकार की जिम्मेदारी है. सरकार इसे स्वीकार करने के लिये आपके पास आई है. हम आपको त्रेता युग की उन स्मृतियों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जब अयोध्या में वनवास के बाद श्रीराम का आगमन हुआ था. आज अयोध्या की जितनी आबादी है, उतने ही दीप जलने चाहिए. उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया और थाईलैण्ड जैसे देशों में भगवान राम को अपना पूर्वज मानते हैं. इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है. वहां से रामलीला मंचन के लिए आए कलाकार मुस्लिम हैं. वे कहते हैं कि इस्लाम हमारा मजहब है लेकिन राम हमारे पूर्वज हैं.


मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘भारत की ही तरह इंडोनेशिया और श्रीलंका समेत एक दर्जन देशों में रामलीला होती है. मैं संतों के चरणों में आज यह अनुरोध करना चाहूंगा कि अगर अगले साल से रामायण मेले का कार्यक्रम अगर इसी आयोजन से जोड़ दिया जाए और एक साथ दुनिया की सभी रामलीलाओं का मंचन अलग-अलग दिन करना प्रारम्भ करें तो मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम और अयोध्या के बारे में जो प्रश्न उठते हैं, वे उठने बंद हो जायेंगे.’’