खेड़ा/नई दिल्ली: गुजरात के खेड़ा में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राहुल गांधी ने कहा कि विकास पागल हो गया है. राहुल ने जनसभा में आए लोगों से पूछा विकास कैसे पागल हुआ ? फिर इसका जवाब देते हुए कहा कि विकास झूठ सुन सुन कर पागल हो गया है.


राहुल गांधी ने कहा विकास का कोई भी काम करना हो वो सुने बिना नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस पार्टी कोई भी काम करने से पहले लोगों की बात सुनती है. लेकिन पिछले 22 सालों से गुजरात में मजूदर, महिलाएं छोटे दुकानदार जो कहना चाहते हैं वो कोई नहीं सुन रहा है.


जीएसटी पर मोदी सरकार पर बरसे राहुल गांधी
जीएसटी पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया. राहुल गांधी ने कहा, ''जीएसटी की सोच कांग्रेस पार्टी की सोच थी. हमें लगा था कि पूरे देश में सिर्फ एक टैक्स होना चाहिए. हम आपेक पास आए और पूछा क्या होना चाहिए. आपने हमसे कहा कि पूरे देश में एक टैक्स होना चाहिए. आपने कहा कि 18% से ज्यादा टैक्स मत लगाइए, हमारे जीएसटी में ये दोनों चीजें थीं. आपने यह भी कहा था कि जीएसटी भरने के लिए सिर्फ एक फॉर्म भरवाइए. ये हमारी जीएसटी थी.''


राहुल गांधी ने कहा, ''नरेंद्र मोदी जी ने बिना किसी की बात सुने रात को 12 बजे जीएसटी लागू कर दिया. हमने कहा कि ये चार पांच टैक्स की दर ना लगाइए. 18% से ज्यादा जीएसटी मन लगाइए इससे छोटे व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे. बीजेपी ने आपकी सुनी और ना हमारी सुनी, एकदम से जीएसटी लागू कर दिया. जिससे समस्याएं खड़ी हो गयीं.''


नोटबंदी पर भी सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने कहा, ''नरेंद्र मोदी जी ने नोटबंदी लागू कर दी, किसी से नहीं पूछा. अगर किसी छोटे से किसान के भी पास चले जाते और पूछते कि 500 और 1000 का नोट हमने बंद कर दिया तो क्या होगा. किसान बता देता कि गलती से भी ऐसा ना करना. नोटबंदी से लाखों लोगों का नुकसान हुआ.''


देश में बेरोजगार लोगों की सेना बन रही है
राहुल गांधी ने कहा कि देश में बेरोजगार लोगों की सेना बन रही है. हर 24 घंटे तीस हजार नए युवक देश में रोजगार ढूंढने निकलते हैं. तीस हजार में से मोदी सरकार 24 घंटे में सिर्फ 450 युवाओं को रोजगार दे रही है. हमारा मुकाबला चीन के साथ है. चीन में एक दिन में पचास हजार युवाओं को रोजगार मिलता है.


कांग्रेस की सरकार आने पर क्या होगा?
राहुल गांधी ने कहा, ''गुजरात में कांग्रेस की सरकार आएगी तो हम हम आपको अपने मन की बात नहीं बताएंगे. हम आपके मन की बात सुनेंगे. हम किसानों, मजदूरों, पिछड़ों, महिलाओं, आदिवासियों और दलितों की बात सुनेंगे.''