मोदी जी देश के पहले ऐसे पीएम हैं, जिनके शब्दों का कोई मोल नहीं है: राहुल गांधी
बता दें कि पीएम मोदी और राष्ट्रीय समाजिक काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) ने क्षेत्र में उग्रवाद को खत्म करने के लिए नागालैंड शांति समझौता पर अगस्त 2015 में हस्ताक्षर किए थे.
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी के वादों, दावों और एलान पर तीखा हमला किया है. राहुल ने नागा शांति समझौते को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा कि मोदी जी देश के ऐसे पहले पीएम हैं जिनके शब्दों को कोई मोल नहीं रह गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी पर हमला करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, "अगस्त 2015 में मोदी ने नागा समझौता करके इतिहास रचने का दाला किया. फरवरी 2018- नागा समझौता कहीं नहीं दिख रहा है. मोदी जी देश के ऐसे पहले पीएम है जिनके शब्दों का कोई मतलब नहीं होता."
August 2015, Mr Modi claims to create history by signing the NAGA accord.
Feb 2018, Naga Accord is still nowhere to be found. Modi ji is the first ever Indian PM whose words don't mean anything. #CantFindTheAccord — Office of RG (@OfficeOfRG) February 4, 2018
राहुल का ये ट्वीट ऐसे समय में आया है जब कई नागा संगठन और राजनीतिक पार्टी राज्य में चुनाव कराने का विरोध कर रहे हैं. नागा अभी चुनाव टाल देने की मांग कर रहे हैं, ताकि नागा मुद्दे का जल्द समाधान निकाला जा सके.
बता दें कि पीएम मोदी और राष्ट्रीय सामाजिक काउंसिल ऑफ नागालैंड (एनएससीएन) ने क्षेत्र में उग्रवाद को खत्म करने के लिए नागालैंड शांति समझौते पर अगस्त 2015 में हस्ताक्षर किए थे.
पिछले दिनों कांग्रेस नेता ने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा था की पीएम ने एकतरफा निर्णय लिया है. राहुल ने मीडिया से बताया था कि कोई भी इस बात को समझ नहीं पा रहा है कि क्या उन्होंने नागा समझौते को लेकर कोई हस्ताक्षर किए हैं. नागा समझौते का फैसला एकदम उसी तरह था जैसे साल 2016 के नवंबर में 'नोटबंदी' और 'जीएसटी'.
क्या हैं नागा समझौता? बता दें कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में लंबे समय से अलगववादी आंदोलन चल रहा है और ये आंदोलन कई गुटों में बंटा है. जिसे लेकर पीएम ने बीच का रास्ता निकालते हुए इस समझौते को मंजूरी दी थी. 3 अगस्त, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की मौजूदगी में एनएससीएन के साथ समझौते पर साइन किए थे. इस कदम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य में शांति के लिए 'ऐतिहासिक' करार दिया था. हालांकि समझौते का ब्यौरा अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया.