नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच आज महत्वपूर्ण वर्चुअल समिट हुई. वर्चुअल समिट में दोनों देशों की पार्टनरशिप को नया आयाम दिया गया. दोनों देशों ने आपसी रिश्तों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ला दिया है. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कुल 9 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए.


इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना संकट के दौरान ऑस्ट्रेलिया में फंसे भारतीयों कि देखरेख के लिए ऑस्ट्रेलियाई पीएम का शुक्रिया अदा किया. वहीं, स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री मोदी कि लीडरशिप कि भूमिका की तारीफ की और कोरोना वायरस से लड़ाई में विश्व समुदाय की मदद के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की.


दोनों नेताओं कि चर्चा में चीन के खिलाफ लामबंदी भी साफ नजर आई. गौरतलब है कि हाल के सालों में आर्थिक दृष्टि से चीन ने ऑस्ट्रेलिया में खासी पैठ बना ली थी, लेकिन कोरोना वायरस के फैलने के बाद अमेरिका के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी चीन के खिलाफ जांच कि मांग उठाई थी. मुख्यतः अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया की अपील पर ही भारत ने WHO में चीन के खिलाफ जांच संबंधी प्रस्ताव का समर्थन किया था.


आज प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि इंडो पैसिफिक में समान अधिकारों और पारदर्शिता के मद्देनजर भारत और ऑस्ट्रेलिया को साथ आने की जरूरत है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडो पैसिफिक में भारत की भूमिका बहुत अहम रहने वाली है.


चीन कि लामबंदी के मद्देनजर दोनों देशों के बीच अहम समझौते भी हुए. दोनों देशों के बीच MLSA यानी म्यूचल लॉजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट पर समझौता हुआ जो कि इंडो पैसिफिक में चीन कि गतिविधियों के मद्देनजर काफी अहमियत रखता है.


भारत और ऑस्ट्रेलिया ने इंडो पैसिफिक में जॉइंट डिक्लेरेशन ऑफ शेयर्ड विजन फॉर मेरीटाइम कॉपरेशन (Joint Declaration on Shared Vision for Maritime Cooperation) का भी एलान किया. इसके माध्यम से दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय नियमों और सभी देशों की स्वायत्तता के समान किए जाने पर जोर दिया, जिसका सीधा इशारा चीन की तरफ है.


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