मोदी की रैली किसानों का मजाक से ज्यादा कुछ नहीं : अखिलेश यादव
जनसभा करके झूठे वादे करने का नहीं, बल्कि यह बताने का वक्त है कि सरकार हाल में घोषित समर्थन मूल्य का फायदा किसानों को कब और कैसे दिलाएगी.
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘किसान कल्याण रैली’ को किसानों का ‘उपहास’ करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह जनसभा करके झूठे वादे करने का नहीं, बल्कि यह बताने का वक्त है कि सरकार हाल में घोषित समर्थन मूल्य का फायदा किसानों को कब और कैसे दिलाएगी.
यादव ने यहां कहा कि शाहजहांपुर में हुई प्रधानमंत्री की किसान कल्याण रैली दरअसल किसानों का ही उपहास है. मोदी लाख छिपायें, मगर सच तो यह है कि किसान को अपनी फसल का लागत मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. खाद, ट्रैक्टर, कीटनाशक दवाइयों पर जीएसटी को मार पड़ रही है. कर्जमाफी में भी घोटाला हुआ है. कर्ज से परेशान लगभग 40 हजार किसान भाजपा राज में आत्महत्या कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि आज आवश्यकता किसान कल्याण रैली करके झूठे वादे करने की नहीं है बल्कि ये बताने की है कि केन्द्र ने जो न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है, उसे भाजपा सरकार कब, कैसे और किसके माध्यम से देगी.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा कब और कैसे पूरा होगा, यह आज तक प्रधानमंत्री ने नहीं बताया है. किसानों को उम्मीद थी कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा, मगर आश्वासन पर आश्वासन और भाषण दर भाषण सुनकर उनकी सहनशक्ति जवाब दे चुकी है. उन्हें बस अब 2019 के लोकसभा चुनावों का इंतजार है.
यादव ने कहा कि भाजपा ने किसान और गांव-खेती को अपनी प्राथमिकता में कभी नहीं रखा. किसान उसके लिए सिर्फ वोट बैंक है. गांवों के विकास में उसकी रूचि नही हैं. किसान और गांव की जगह भाजपा की विशेष रूचि कारपोरेट घरानों में है इसीलिए भाजपा सरकार के केन्द्र के पांच बजट और उत्तर प्रदेश के दो बजट में खेती के लिए विशेष सुविधाएं नहीं दी गयीं.