नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद शपथ ग्रहण समारोह से पहले मंत्री पद को लेकर घमासान तेज हो गया है. सभी सहयोगी दल अपने-अपने कोटे से सांसदों को मंत्री बनाने की जुगत में लग गए हैं. वहीं प्रचंड जीत के साथ दोबारा सत्ता में आई बीजेपी भी मंत्री पद के बंटवारे को लेकर काफी सजग दिख रही है.


पार्टी की ओर से तय किए गए नए फॉर्मूले के तहत 15-20 लोकसभा सांसद पर एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्य मंत्री देने का मानक तय किया गया है.


इस फॉर्मूले के मुताबिक शिवसेना और जेडीयू को एक-एक कैबिनेट मंत्रालय जबकि दोनों दलों को एक-एक राज्य मंत्री का पद दिया जाएगा. इस मंत्रिमंडल में अकाली दल, एआईएडीएमके और एलजेपी को एक-एक मंत्रालय दिया जा सकता है.


पीएम मोदी से मिलने पहुंचे अमित शाह


शपथ से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शााह पीएम मोदी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे हैं. इससे पहले अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच काफी देर तक बैठक चली. बताया जा रहा है कि दोनों के बीच मंत्री पद को लेकर बातचीत हुई.


पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिलकर फॉर्मूला तय किया है. पार्टी की कोशिश है कि इस फॉर्मूले के तहत गठबंधन के सहयोगियों को उचित सम्मान मिले जिससे वह नाराज न हों.


संसद में किसकी कितनी सीटें


इस चुनाव में शिवसेना के 18 सासंद जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं तो वहीं जेडीयू के 16 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. एलजेपी ने 6 सीटों पर जीत दर्ज की है. अकाली दल के 2 सांसदों लोकसभा पहुंचे हैं वहीं एआईएडीएमके की ओर से 1 सांसद लोकसभा पहुंचे हैं.


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