नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में जनसंख्या विस्फोट पर चिंता जताई. पीएम ने कहा कि जनसंख्या विस्फोट आने वाली पीढ़ियों के लिए नई चुनौतियां पेश करता है. पीएम मोदी ने कहा कि इससे निपटने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों को कदम उठाने चाहिए. यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री मोदी ने जनसंख्या का मुद्द उठाया है. हालांकि भाजपा के कुछ नेता इस पर खुल कर बात करते हैं. मोदी ने कहा कि अगर जनता शिक्षित और स्वस्थ है तो देश भी शिक्षित और स्वस्थ बनेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर कहा, ''हमारे यहां बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये विस्फोट हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है. लेकिन यह मानना होगा कि हमारे देश में एक जागरुक वर्ग है जो इस बात को भली भांति समझता है. वह अपने घर में शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि मैं उसके साथ कई अन्याय तो नहीं कर दूंगा. मैं उसकी मानवीय जरूरतों को पूरा कर पाऊंगा? उसके सपनों को पूरा कर पाऊंगा? इस विचार करके एक बहुत छोटा वर्ग परिवार को सीमित करते अपने परिवार और देश का भला करने में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''छोटा परिवार रखकर ऐसे लोग देशभक्ति को प्रकट करते हैं. हम सभी समाज के लोग ऐसे लोगों को बारीकी से देखें, ऐसे लोगों ने अपने परिवार में जनसंख्या वृद्धि से खुद को बचा कर परिवार की सेवा की. हम भी उनसे सीखें और हमारे घर में किसी भी शिशु को आने से पहले हम सोचें कि उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खुद को तैयार कर लिया है. या मैं उसको उसके नसीब पर छोड़ दूंगा. इसलिए एक सामाजिक जागरुकता की जरूरत है, जन संख्या विस्फोट की हमें चिंता करनी होगी. राज्य और केंद्र सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर इस दिशा में नई योजनाओं के साथ आगे आना होगा.''