BRICS Summit 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर को कजान (Kazan) में होने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह रूस का दौरा करेंगे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेता वैश्विक मुद्दों और ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे. 


'वैश्विक विकास और सुरक्षा के लिए बहुपक्षवाद को मजबूत करना'


विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस बार 2024 शिखर सम्मेलन का विषय 'Strengthening Multilateralism for Just Global Development and Security' है, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक शासन में चुनौतियों का अहम ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करेगा.


विदेश मंत्रालय ने एक ऑफिशियल नोटिस में कहा है कि शिखर सम्मेलन ब्रिक्स द्वारा लिए गये इनिशिएटिव की प्रगति का आकलन करने और भविष्य के सहयोग के लिए संभावित  सेक्टर्स की पहचान करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करेगा.


2024 में पीएम मोदी की रूस की दूसरी यात्रा


जुलाई में मॉस्को की पिछली यात्रा के बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये इस साल की दूसरी रूस यात्रा है. ब्रिक्स समूह का नाम 2009 में शामिल हुए पांच सदस्यों - ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के शुरुआती अक्षरों से लिया गया है. तब से इसका विस्तार ईरान सहित मध्य पूर्वी देशों को शामिल करने के लिए किया गया है.


ब्रिक्स का क्या है उद्देश्य?
ब्रिक्स का पहला उद्देश्य राजनीतिक और सुरक्षा है. इसके तहत ब्रिक्स में शामिल देशों में वैश्विक राजनीतिकऔर क्षेत्रीय सुरक्षा में संवाद बढ़ाना है. दूसरा उद्देश्य इकोनॉमिक और फाइनेंशियल बढावा देना है. इसके तहत व्यापार, कृषि और बुनियादी ढांचे सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है. इसके अलावा सांस्कृतिक, शेक्षणिक, युवा और खेल क्षेत्र में ब्रिक्स में शामिल देश के लोगों के संपर्क को मजबूत करना है. 


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