जनकपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दो दिनों के नेपाल दौरे के पहले दिन सीता की जन्मस्थली जनकपुर के नौलखा मंदिर में पूजा-अर्चना की. मंदिर में करीब 45 मिनट बिताए. इसके साथ ही दोनों देशों के विकास के लिए फाइव टी का मंत्र दिया.
मोदी के दौरे की बड़ी बातें:-
- •मोदी ने जनकपुर में आयोजित नागरिक अभिनंदन समारोह में कहा कि भारत की पड़ोसी प्रथम नीति में नेपाल सबसे पहले आता है.
- भारत और नेपाल के बीच व्यापार रिश्तों की एक अहम कड़ी है. नेपाल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में तेज़ी से विकास कर रहा है. आज भारत से लगभग 450 मेगावाट बिजली नेपाल को सप्लाई होती है.
- मोदी ने कहा कि पिछले महीने हमने कृषि क्षेत्र में एक नई साझेदारी की घोषणा की. इसके तहत कृषि के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा.
दौरे का मकसद
- दोनों देश पारस्परिक हित के मुद्दों पर नई दिल्ली में हाल में हुई व्यापक चर्चा और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोगपूर्ण भागीदारी को आगे बढ़ाने पर जोर देंगे.
- मोदी और ओली ने साथ मिलकर किया जनकपुर-अयोध्या सीधी बस सेवा का उद्घाटन किया. मोदी ने इस बस सेवा का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘जनकपुर और अयोध्या जोड़े जा रहे हैं.’’
- यह बस सेवा रामायण सर्किट का हिस्सा है, जिससे नेपाल और भारत में तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा. भारत सरकार ने रामायण सर्किट परियोजना के तहत विकास के लिए 15 स्थलों-- अयोध्या, नंदीग्राम, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट (उत्तर प्रदेश), सीतामढ़ी, बक्सर, दरभंगा (बिहार), चित्रकूट (मध्यप्रदेश), महेंद्रगिरि (ओड़िशा), जगदलपुर (छत्तीसगढ़), नासिक और नागपुर (महाराष्ट्र), भद्रचलम (तेलंगाना), हंपी (कर्नाटक) और रामेश्वरम (तमिलनाडु) का चयन किया है
मंदिर में पूजा - अर्चना
- मंदिर में मोदी ने पूजा-अर्चना की. उस दौरान सीता और राम के भजन बजाए.
- मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने यह पूजा की.
- मोदी के स्वागत के लिए हजारों लोग जानकी मंदिर परिसर में जुटे.
- जानकी मंदिर का निर्माण 1910 में सीता की स्मृति में बनाया गया था. यह तीन मंजिला मंदिर पूरी तरह पत्थर से बना हुआ है और 4860 वर्गफुट क्षेत्र में फैला हुआ है.
5T का मंत्र
मोदी ने भारत और नेपाल के विकास के लिए 5 टी का मंत्र दिया. ट्रांसपोर्ट, टेक्नोलॉजी, ट्रेडिशन, ट्रेड और ट्यूरिज्म. परंपरा, पर्यटन, परिवहन, प्रोद्योगिकी, व्यापार .