नई दिल्लीः दिल्ली समेत पूरे देश में मार्च के महीने से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू हो जायेगा जिसके तहत 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से ग्रसित 45 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों को कोरोना का टीका दिया जायेगा. पहली बार आम लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जायेगी जिसके लिये सरकार तैयारियों में जुटी है. दिल्ली में बीते एक हफ्ते में कोरोना के मामलों में इजाफा देखने को मिला है ऐसे में वैक्सीनेशन को लेकर दिल्ली सरकार ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक वैक्सीन पहुँचाने की तैयारी कर रही है.


दिल्ली में मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट की हेड, ICMR एडवाइज़र और वैक्सीनेशन प्रोग्राम की पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डायरेक्टर प्रोफेसर डॉ सुनीला गर्ग ने वैक्सीन के तीसरे चरण को लेकर कहा कि अब हम वैक्सीनेशन के तीसरे चरण में है, हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के बाद अब बारी है आम जनता तक जाने की. 60 साल से ऊपर की आयु के बुजुर्ग और 45 साल से ज्यादा आयु वाले ऐसे लोग जो गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग हैं, ये लोग हमारी प्राथमिकता में है.


खासतौर पर जो 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग हैं उनमें भी कई तरह की गंभीर बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर पाया जाता है. इनको अगर कोविड-19 इंफेक्शन होगा तो वह ज्यादा घातक होगा. ठीक उसी तरह से 45 साल से ज्यादा उम्र वाले लोग जिनमें गंभीर बीमारियां है वह भी रिस्क पर है. इन लोगों का अगर जल्द से जल्द टीकाकरण किया जाएगा तो उनमें कोरोना का संक्रमण होने की संभावना बहुत कम हो जाएगी.


मोहल्ला क्लीनिक और डिस्पेंसरी में भी बनेगा वैक्सीनेशन सेंटर


तीसरे चरण में ज़्यादा लाभार्थियों को देखते हुए वैक्सीनेशन साइट की संख्या भी बढ़ाई जायेगी. दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक में भी वैक्सीनेशन सेंटर खोले जायेंगे. डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि हम सरकारी और प्राइवेट दोनो फैसिलिटी में वैक्सीनेशन प्रोग्राम चला रहे हैं. देश मे करीब 29 हज़ार से ज़्यादा कोल्ड चेन पॉइंट्स हैं और दिल्ली में 620 से ज़्यादा कोल्ड चेन पॉइंट्स हैं. पहले चरण में 10 हज़ार प्राइवेट सेक्टर और 10 हज़ार गवर्नमेंट सेक्टर की साइट्स को चुना गया है. मोहल्ला क्लिनिक में भी डॉक्टर उपलब्ध हैं जो वैक्सीनेशन के लिये सक्षम हैं. इसलिये मोहल्ला क्लिनिक और सरकारी डिस्पेंसरी का इस्तेमाल भी वैक्सीनेशन साइट के लिये किया जायेगा. वैक्सीन देना चुनौतीपूर्ण नहीं है लेकिन वैक्सीन देने के बाद अगर कोई प्रतिकूल परिस्थिति होती है तो वो मुख्य चुनौती है. मोहल्ला क्लीनिक में ऐसी किसी परिस्थिति से निपटने की सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं इसलिए वहां वैक्सीनेशन साइट बनाई जा सकती है. डॉ गर्ग के मुताबिक देश में अब तक 1.3 करोड़ से ज़्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है जिसमें महज़ 0.0004% प्रतिकूल परिस्थितियों के मामले सामने आये हैं.


प्राइवेट फैसिलिटी में ज़्यादा नहीं होगी वैक्सीन की कीमत


डॉ सुनीला गर्ग के मुताबिक सभी सरकारी फैसिलिटी में वैक्सीन पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध होंगी. लेकिन प्राइवेट फैसिलिटी में वैक्सीन की कीमत 200-400 रुपए के बीच होगी. को-वैक्सीन की कीमत थोड़ी ज़्यादा होगी. डॉ सुनीला गर्ग का कहना है कि कोवीशील्ड की कीमत करीब 221 रुपए होगी और को-वैक्सीन की कीमत इससे करीब 60 रुपए ज़्यादा होगी. दोनो में बहुत ज़्यादा फर्क नहीं है. हालांकि फाइनल कीमत अभी तय हुई है लेकिन ये कीमत बहुत कम ही रहेगी. इसमें कोई प्रॉफिट नहीं होगा, छोटे छोटे खर्च होंगे जिनका कॉस्ट होगा. यह कीमतें सरकार द्वारा तय की जाएंगी जिसमें ₹100 सेंटर के होंगे छोटे मोटे खर्च के लिये, और बाकी कीमत सरकार की होगी.


इस बार तीन तरीकों से हो सकेगा रजिस्ट्रेशन


तीसरे चरण के लिये को-विन एप का ये मॉड्यूल लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए रविवार तक खुल जाएगा. इसके साथ ही हमने इस बार इसको आरोग्य सेतू एप से भी लिंक किया है. साथ ही हमने एक खास मॉडल अपनाया है कि जो तीसरे चरण के लाभार्थी हैं वो अपने आप वैक्सीनेशन पॉइंट तक जाकर टीकाकरण करा सकते हैं. वोटर आई-डी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या जो आपकी फोटो आई-डी हो वो दिखाना ज़रूरी है. ग्रामीण इलाकों में ऐसे लोग जिन्हें एप में रजिस्टर कराना नहीं आता या किसी और तरह की दिक्कत है तो हमारे स्वास्थ्य कर्मचारी ऐसे लोगों की मदद करेंगे. उनको चिन्हित करेंगे और उनको टीकाकरण केंद्र तक ले जायेंगे ताकि वैक्सीनेशन किया जा सके.


दूसरे राज्यों के आईडी कार्ड धारक भी करा सकेंगे वैक्सीनेशन


दिल्ली या बड़े शहरों में बाहर से आकर रहने वाले लोगों के लिये जिस राज्य में रह रहे हैं वहीं वैक्सीनेशन की सुविधा भी होगी. डॉ सुनीला गर्ग ने बताया कि अगर किसी लाभार्थी के पास उनका आधार कार्ड उनके अपने राज्य का है दिल्ली या जिस शहर में रह रहे हैं वहां का नहीं, तो ऐसे लोग अपने कंपनी या मालिक द्वारा जारी की गई ऑफिस आई-डी भी वैक्सीनेशन सेंटर पर ले जा सकते हैं. कुछ उम्रदराज लोग ऐसे भी हैं जो पहले कहीं और काम करते थे और अब दिल्ली में या किसी अन्य शहर में आकर रहने लगे हैं तो ऐसे लोगों को उनके राज्य या शहर में जाने की ज़रूरत नहीं है वो जहां रह रहे हैं उसी शहर में अपनी वैध आई-डी के साथ जाकर अपने मौजूदा रेजिडेंस एड्रेस की जानकारी देकर वैक्सीनेशन करा सकते हैं.


को-मॉर्बिड के लिये डॉक्टर का सर्टिफिकेट होगा ज़रूरी


तीसरे चरण में जिन लोगों को टीका दिया जाना है उनमें काफी सारे लाभार्थी गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं. ऐसे लोगों के लिये अपनी बीमारी की जानकारी देना ज़रूरी होगा. डॉ गर्ग का कहना है कि बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्हें अन्य बीमारियां हैं. वैक्सीन लगवाने वाले कई हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स भी ऐसे थे जिन्हें अन्य बीमारियां थीं लेकिन वैक्सीन लगवाने से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जो लोग ब्लड थिनर पर होते हैं उनको डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि वैक्सीनेशन से 2-3 दिन पहले से ब्लड थिनर लेना बंद कर दें. इसलिये को-मॉर्बिड लोगों को डॉक्टर का सर्टिफिकेट लाना बहुत ज़रूरी है. साथ ही, कोविन प्लेटफार्म पर रजिस्टर करते समय भी अपनी बीमारी बहुत ज़रूरी है.


लाभार्थी नहीं कर सकते वैक्सीन का चुनाव


आम लोगों के लिये वैक्सीनेशन की शुरुआत की जा रही है तो क्या उनके पास वैक्सीन चुनने की भी स्वतंत्रता होगी. इसके जवाब में डॉ गर्ग ने बताया कि कौनसी वैक्सीन लगानी है इसका चुनाव लाभार्थी नहीं कर सकते. ठीक वैसे ही जैसे अन्य वैक्सीनेशन में चॉइस नहीं होती, डॉक्टर के पास जाकर वैक्सीन लगाई जाती है. हमारे पास अभी दो वैक्सीन है, कोवीशील्ड और को-वैक्सीन. दोनों ही वैक्सीन सुरक्षित हैं. लेकिन लाभार्थी के पास इनमें चॉइस नहीं है. लाभार्थी को वैक्सीनेशन साइट पर जाकर ही पता चलेगा कि उसे कौन सी वैक्सीन दी जा रही है. जिस वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी उसी वैक्सीन की दूसरी डोज़ भी दी जाएगी. हम वैक्सीन के बीच भेदभाव नहीं कर सकते, दोनों ही वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है और प्रभावशाली हैं. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और भारत सरकार वैक्सीन के विषय में जब भी कोई निर्णय लेता है तो वह इसी आधार पर लेता है कि यह पूरी तरह से सुरक्षित हों.


दिल्ली में हर बूथ वैक्सीनेशन के लिये तैयार है


दिल्ली में तीसरे चरण के लाभार्थियों की संख्या और बूथ की तैयारियों को लेकर डॉ सुनीला गर्ग ने कहा कि जनगणना के आधार पर हमारे पास इसका आंकलन है. जनगणना हम हर दस साल में करते हैं जिसकी वजह से जनसंख्या का डेटा हमारे पास है. उसके आधार पर पूरे देश मे 10 करोड़ के लोग करीब ऐसे होंगे जो 60 साल से अधिक उम्र के हैं, और करीब 2 करोड़ लोग ऐसे हैं जो 45 साल से ज़्यादा हैं और गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं. यानी करीब 12 करोड़ लोग पूरे देश मे हैं. इसी तरह से दिल्ली में भी औसतन इसी अनुपात में लाभार्थियों की संख्या है. दिल्ली का सोशियो इकनोमिक सर्वे अभी पूरा हुआ है जिसका डेटा हमारे पास है. दिल्ली का हर एक बूथ पूरी तरह से सक्षम है वैक्सीनेशन के लिये. धीरे- धीरे वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता बढ़ रही है तो हम उम्मीद करते हैं कि इस कार्य मे सफल होंगे.


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