Mohammad Bin Abdulkarim Al-Issa Speech: मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव शेख डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा भारत दौरे पर हैं. उन्होंने दिल्ली में इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर के प्रोग्राम में मंगलवार (11 जुलाई) को कहा कि भारतीय मुस्लिमों को हिंदुस्तानी होने पर गर्व है. 


सऊदी के पूर्व न्याय मंत्री डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने कहा, ''भारत ने हिंदू बहुल राष्ट्र होने के बाद भी धर्मनिरपेक्ष संविधान अपनाया.'' उन्होंने भारत के इतिहास और विविधता की सरहाना करते हुए कहा कि विभिन्न संस्कृतियों में संवाद स्थापित करना समय की मांग है. 


डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा  ने क्या कहा?
डॉ. मोहम्मद बिन अब्दुल करीम अल-ईसा ने कहा कि सहनशीलता जीवन का हिस्सा बन गया है. उन्होंने कहा कि इस्लाम कल्चर प्यार और संवाद के लिए खुला है. इस्लाम हमें सिखाता है कि हम जिससे मतभेद रखते हैं उसका भी सम्मान करें. इस दौरान प्रोग्राम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल भी मौजूद रहे. 


एनएसए अजित डोभाल ने क्या कहा? 
एनएसए अजित डोभाल ने कहा कि भारत उन संस्कृतियों और धर्मों का मिलन केंद्र रहा है, जो सदियों से सद्भाव के साथ सह-अस्तित्व में हैं. देश में धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम का अनूठा और महत्वपूर्ण गौरव का स्थान है. 


डोभाल ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और लोकतंत्रों की जननी के रूप में भारत अविश्वसनीय विविधता की भूमि है. उन्होंने कहा, ‘‘आपने (अल-इस्सा) बातचीत में हमारे अस्तित्व की मूलभूत विशेषता के रूप में विविधता का विस्तार से उल्लेख किया. यह (भारत) संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं और जातीयताओं का एक मिलन केंद्र रहा है, जो सदियों से सद्भाव के साथ सह-अस्तित्व में हैं. 


डोभाल ने कहा कि एक समावेशी लोकतंत्र के रूप में, भारत अपने सभी नागरिकों को उनकी धार्मिक, जातीय और सांस्कृतिक पहचान पर ध्यान दिये बिना बराबर की अहमियत देने में कामयाब रहा है.  उन्होंने कहा कि कई धार्मिक समूहों के बीच इस्लाम का एक अनूठा और गौरवपूर्ण स्थान है. भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी रहती है. 


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