Mohammad Muizzu India Visit: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार (06 अक्टूबर) को अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद के साथ दिल्ली पहुंचे हैं. यहां पहुंचकर उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की. वह 6 से 10 अक्टूबर तक भारत में रहेंगे और ये भारत की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी. इस यात्रा के दौरान वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.


एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के समर्थक कहे जाने मोहम्मद मुइज्जू भारतीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले रक्षा अनुसंधान एंव विकास संगठन के विमान से भारत पहुंचे हैं. उनकी यात्रा के लिए भारत के विमान के इस्तेमाल किए जाने को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं. दरअसल दुनिया के चुनिंदा देशों के पास ही समर्पित प्रेसिडेंशियल विमानों का बेड़ा है, ऐसे में ज्यादातर देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अपने देश की वायु सेना या फिर सरकारी एयरलाइंस के विमानों का इस्तेमाल करती है.


भारत क्यों आए हैं मोहम्मद मुइज्जू?


मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू भारत यात्रा का उद्देश्य पिछले साल नवंबर से तनाव में चल रहे रिश्तों को फिर से संवारना है. इससे पहले उन्होंने जून में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया था, लेकिन यह उनकी पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा होगी. चीन के प्रति झुकाव रखने वाले मुइज्जू के नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया.






भारत-मालदीव रिश्तों में मजबूती आने का आसार


मुइज्जू ने शपथ लेने के कुछ ही घंटे के भीतर अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी की मांग की थी. इसके बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह नागरिकों ने ले ली. विदेश मंत्रालय ने मुइज्जू की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि इससे सहयोग को और रफ्तार मिल सकती है तथा दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों में मजबूती आ सकती है.


विदेश मंत्रालय के अनुसार मुइज्जू इस यात्रा में मोदी से आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पर बातचीत करेंगे. वह दिल्ली के अलावा मुंबई और बेंगलुरु भी जाएंगे जहां वह औद्योगिक समारोहों में भाग लेंगे.


विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और प्रधानमंत्री के ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के दृष्टिकोण और भारत की ‘पड़ोस प्रथम नीति’ में एक विशेष स्थान रखता है.’’ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त में मालदीव की तीन दिवसीय यात्रा की जिसमें मुइज्जू की आगामी यात्रा का आधार तैयार किया गया.


मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री की हाल की मालदीव यात्रा के बाद राष्ट्रपति मुइज्जू की भारत यात्रा इस बात का प्रमाण है कि भारत मालदीव के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है.


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