Mohammed Zubair Bail: 24 दिनों बाद जेल से बाहर आए मोहम्मद जुबैर, जानें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 5 बड़ी बातें
Mohammad Zubair Bail: सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मोहम्मद जुबैर तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं.
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Mohammad Zubair Bail: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर (Mohammad Zubair) को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में बुधवार को जमानत दे दी. इसके बाद जुबैर रात के करीब आठ बजे तिहाड़ जेल से रिहा हुए. उन्हें 27 जून को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
आज ही जुबैर की याचिका पर फैसला सुनाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उन्हें लगातार हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है, जब यहां की एक अदालत ने उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में जमानत दे दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अगर उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई के लिए कोई अन्य प्राथमिकी दर्ज की जाती है तो उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा. पीठ ने मोहम्मद जुबैर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) को खत्म करने का निर्देश दिया.
जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना की पीठ ने कहा कि दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष 20,000 रुपये का एक मुचलका (जमानत बॉण्ड) जमा करने के बाद जुबैर को उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामलों में जमानत पर रिहा किया जाएगा.
केस दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल में ट्रांसफर
सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में जुबैर के खिलाफ उत्तर प्रदेश में दर्ज सभी मामले दिल्ली पुलिस को जांच के लिए सौंप दिए और उन्हें दिल्ली पुलिस के एक विशेष प्रकोष्ठ द्वारा दर्ज की गई मौजूदा प्राथमिकी के साथ जोड़ दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने जुबैर को भविष्य में ट्वीट करने से रोकने से इनकार करते हुए कहा कि क्या एक वकील को बहस करने से रोका जा सकता है. लगभग दो घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद पारित लंबे आदेश में पीठ ने कहा, ‘‘एक पत्रकार को ट्वीट करने और लिखने से कैसे रोका जा सकता है? अगर वह ट्वीट कर किसी कानून का उल्लंघन करता है तो उस पर कानून के मुताबिक कार्रवाई की जा सकती है.’’
उत्तर प्रदेश में जुबैर (Mohammad Zubair) के खिलाफ कुल सात प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं, जिनमें दो हाथरस में और एक-एक सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और चंदौली पुलिस थाने में दर्ज की गई है.
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