Mohan Bhagwat: बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय (Swaminarayan Sampradaya) के प्रमुख स्वामी शताब्दी समारोहों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने बयान दिया. उन्होंने अहमदाबाद में बुधवार (21 दिसंबर )को कहा कि समाज में असमानता अब भी मौजूद है क्योंकि लोगों ने करीब 2,000 वर्षों तक अधर्म को धर्म समझ रखा था. वह समारोहों के हिस्से के तहत 600 एकड़ से अधिक क्षेत्र में स्थापित प्रमुख स्वामी महाराज नगर में बोल रहे थे. बता दें प्रमुख स्वामी का 95 वर्ष की आयु में अगस्त 2016 में निधन हो गया था.
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि सामाजिक असमानता अब भी विद्यमान है क्योंकि हमने करीब 2,000 वर्षों तक अधर्म को धर्म समझ रखा था. उन्होंने कहा कि धर्म में यह धारणा नहीं होती है कि कौन श्रेष्ठ है और कौन तुच्छ है. भागवत ने कहा कि उपदेश देने के बजाय लोगों को अपने रोजमर्रा के जीवन में इसे व्यवहार में लाना चाहिए, जैसा कि प्रमुख स्वामी महाराज ने किया था.
संतों का अनुसरण करने की है जरूरत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि किसी के परिवार, संपत्ति या शारीरिक मजबूती के बारे में झूठा गौरव लोगों को यह सोचने के लिए मजबूर करता है वे अन्य की तुलना में श्रेष्ठ हैं. भागवत ने कहा, "सामाजिक असमानता धर्म का परिणाम नहीं है."
संघ प्रमुख ने कहा कि हमारे संतों ने भी कहा है और यहां तक कि धार्मिक ग्रंथ भी इस अवधारणा का समर्थन नहीं करते हैं. उन्होंने बताया कि हमें संतों का अनुसरण करने की जरूरत है. मोहन भागवत ने कहा, हमें अपने अहम् से निपटने की जरूरत है क्योंकि यह हमें अपनी आदतें बदलने से रोकता है और इसी जगह संतों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि प्रेम जिस जगह पर होगा उस जगह पर भेद नहीं होगा.
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