Mohan Bhagwat Meets Dalai Lama: दलाई लामा से मिले RSS प्रमुख मोहन भागवत, 50 मिनट चली बातचीत, इन मुद्दों पर हुआ मंथन
Mohan Bhagwat Meets Dalai Lama: आरएसएस प्रमुख मोहन राव भागवत ने आज सुबह बौद्ध गुरु दलाई लामा से मुलाकात की है. इस बैठक को कई मायने में अहम माना जा रहा है.
Mohan Bhagwat Meets Dalai Lama: जिला कांगड़ा के 5 दिवसीय दौरे पर आए आरएसएस प्रमुख डा. मोहन राव भागवत सोमवार सुबह बौद्ध गुरु दलाई लामा से मिलने मैक्लोडगंज पहुंचे. दोनों में करीब 50 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई. बौद्ध गुरु और आरएसएस प्रमुख की बैठक को कई मायने में अहम माना जा रहा है. दलाई लामा जहां तिब्बतियों के सर्वोच्च धर्मगुरु हैं वहीं डा. मोहन भागवत आरएसएस के प्रमुख हैं. दोनों प्रमुख हस्तियों की इस मुलाकात विश्व शांति, जन कल्याण और तिब्बत मसले को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
दलाई लामा से मिलने उपरांत आरएसएस प्रमुख वापिस लौट गए हैं. गौरतलब है कि दलाई लामा की कोविड काल के बाद सोमवार को दूसरी पब्लिक मीटिंग थी. दलाई लामा ने अनुयायियों व बौद्ध भिक्षुओं से इसी माह मिलना शुरू किया था.
भारत धार्मिक सदभाव का सर्वोत्तम उदाहरण है- दलाई लामा
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि आरएसएस प्रमुख डा. मोहन भागवत और तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा के बीच बहुत सी चर्चा हुई है. चर्चा के दौरान दलाई लामा ने कहा कि विश्व शांति और संघर्षों से मुक्त करने के लिए भारत धार्मिक सदभाव का सर्वोत्तम उदाहरण है. दलाई लामा ने कहा कि आज विश्व शांति की जरूरत है. पूरे विश्व को यह जानना होगा और भारत को भी यह जानना और मानना होगा. दुनिया में विस्तारवार को रुकना होगा और स्वतंत्रता का सम्मान किया जाना चाहिए.
भारतीय संस्कृति इन्क्लूसिव है- आरएसएस नेता
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार ने बताया कि आरएसएस प्रमुख डा. मोहन भागवत ने दलाई लामा से बातचीत में कहा कि हमारी भारतीय संस्कृति इन्क्लूसिव है जो सबको साथ लेकर चलती है. धार्मिक सदभाव का विश्व का सर्वोत्तम मॉडल भारत है. जितने भी आसपास देश हैं हमारे सब भाई हैं और तिब्बत हमारा भाई देश है. इसलिए हम तिब्बत के हर सुख-दुख में साथ रहे हैं और रहेंगे.
भारत का तिब्बत को सहयोग लगातार मिलता रहा है- पेम्पा छेरिंग
तिब्बत निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेम्पा छेरिंग ने कहा कि मैं मीटिंग में नहीं था, लेकिन दलाई लामा और आरएसएस नेता मोहन भागवत के बीच मानवता और धार्मिक मुद्दों पर चर्चा हुई है. भारत का तिब्बत को सहयोग लगातार मिलता रहा है. भारत देश, तिब्बत की स्वतंत्रता की वकालत करता रहा है.
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