Manipur Violence: देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में फैली हिंसा की आग थमने का नाम नहीं ले रही है. सीमावर्ती इलाकों में अतिरिक्त कमांडो की तैनाती की गई है और इंटरनेट सेवा भी बैन है. इस बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) चीफ मोहन भागवत का अहम बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मणिपुर जैसे शांत राज्य में ये हिंसा की आग फैलाई किसने?
नागपुर में दशहरे के मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मणिपुर शांत था, अचानक आपसी फूट की आग कैसे लग गई? मणिपुर हिंसा के पीछे सीमा पार के आतंकवादी थे? मैतेई और कुकी समाज को किसने एक-दूसरे के सामने खड़ा किया? सीमावर्ती क्षेत्र है, वहां झगड़े हों, इसका किसको फायदा है? मणिपुर में झगड़ा निर्माण करने वाले बाहरी ताकत है क्या?”
‘मणिपुर हिंसा हुई नहीं करवाई गई’
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा, “गृह मंत्री, अन्य मंत्री वहां जाकर बैठे, शांति की प्रक्रिया चलते हुए हिंसा भड़काने वाले कौन थे?? देखने पर पता चलता है, यह हुआ नहीं, करवाया गया है.” उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा, “स्वयं को उकसाने वाली परिस्थिति पर काम करने वाले संघ के कार्यकरताओं को मैं सलाम करता हूं. हमें एकता की ओर बढ़ना पड़ेगा. मणिपुर में संघ के स्वंयसेवक काम कर रहे हैं, हमें उन पर गर्व है. वहां विश्वास टूट गया है, पुनः विश्वास निर्माण करने के लिए लंबे समय तक काम करना पड़ेगा.”
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि देश में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो नहीं चाहते कि भारत उठ खड़ा हो. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की साजिश रची जा रही है और इससे सतर्क रहना होगा. उन्होंने कहा कि समाज की स्थाई एकता अपनेपन से निकलती है.