नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का स्थापना दिवस और विजयाजशमी उत्सव आज नागपुर में संघ स्थित मुख्यालय में मनाया गया है. हर साल होने वाले आरएसएस के विजयादशमी कार्यक्रम में इस बार एचसीएल के संस्थापक-चेयरमैन और पद्म भूषण से सम्मानित शिव नादर ने मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया. आरएसएस की स्थापना केशव बलीराम हेडगेवार ने 1925 में विजयादशमी के दिन की थी.
आरएसएस के कार्यक्रम में शिव नादर के अलावा कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी हिस्सा लेने पहुंचे. इसके अलावा भारी संख्या में नागरिक भी मौजूद थे. कार्यक्रम के तहत सबसे पहले बजे संघ मुख्यालय से स्वयंसेवकों ने पथ संचालन किया जो लगभग 2 किमी का था. इसके बाद संघ की परंपरा के मुताबिक शस्त्र पूजन किया गया और सरसंघचालक मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन की विधि पूरी की. शस्त्र पूजन के बाद कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि शिव नादर का स्वागत किया गया.
शिव नादर ने किया कार्यक्रम को संबोधित
इसके बाद समारोह के मुख्य अतिथि शिव नादर ने कार्यक्रम को संबोधित किया. शिव नादर ने सभी को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वो इस उत्सव में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि आरएसएस के कार्यकर्ताओं की ऊर्जा से रेशमीबाग जीवंत हो उठा है.
मोहन भागवत ने क्या कहा
आरएसएस के स्थापना दिवस के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि प्रजातंत्र की व्यवस्था पश्चिम के देशों ने भारत को दी है, बल्कि ये भारत की परंपरा का हिस्सा रहा है. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत दिनों बाद लगा कि देश में कुछ बदलने लगा है और पहली बार साहसी फैसले लेने वाली सरकार आई है. नई सरकार को बढ़ी हुई संख्या में फिर से चुनकर समाज ने उनके पिछले कार्यों की सम्मति व आने वाले समय के लिए बहुत सारी अपेक्षाओं को जाहिर किया था.
मोहन भागवत ने ये भी कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत की सोच की दिशा में एक बदलाव आया है. उसको न चाहने वाले व्यक्ति दुनिया में भी हैं और भारत में भी मौजूद हैं. हालांकि भारत को बढ़ता हुआ देखना जिनके स्वार्थों के लिए डर पैदा करता है,ऐसी शक्तियां भी भारत को दृढ़ता व शक्ति से संपन्न होने नहीं देना चाहती हैं.
मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग के मामलों को संघ से संबंधित न होने की बात कही. इसके बारे में उन्होंने कहा कि इन सबसे संघ का कोई संबंध नहीं है और स्वयंसेवक ऐसे काम नही करते हैं. अगर कोई स्वयंसेवक इसमें शामिल मिला तो संघ उसको प्रोटेक्ट करने नही जाता है. ये एक षडयंत्र है और ऐसे मामलों में संघ का नाम लिया जाता है. सारे देश और हिंदू समाज को सर्वत्र बदनाम करने का प्रयास शुरू किया जा रहा है. संघ के स्वयंसेवक किसी को मारने नहीं बल्कि बचाने जाएंगे.
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ये आरएसएस का सालाना कार्यक्रम है
आरएसएस का ये कार्यक्रम नागपुर के रेशीमबाग में संघ मुख्यालय में आयोजित किया गया था. यह आरएसएस का सालाना कार्यक्रम है जिस पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजर रहती है क्योंकि विजयादशमी पर आरएसएस प्रमुख के भाषण में संघ के साथ-साथ उससे जुड़े संगठनों का आने वाले समय का एजेंडा सामने आता है. पिछले साल विजयादशमी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी थे.