अयोध्या मामले पर SC के फैसले से पहले मोहन भागवत बोले- 'प्रेम RSS की विचारधारा का अभिन्न हिस्सा'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि ‘स्नेह’ संघ की विचारधारा का अभिन्न हिस्सा है. बता दें कि मोहन भागवत ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट अयोध्या मामले पर फैसला सुना सकती है.
नागपुर: अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट कुछ दिनों में फैसला सुना सकती है. इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को कहा कि ‘स्नेह’ संघ की विचारधारा का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि स्नेह और विचारधारा दो भिन्न चीजें नहीं हैं. संघ के दिवंगत कार्यकर्ता विलास फड़णवीस की पुस्तक के विमोचन के दौरान आरएसएस प्रमुख ने कहा कि वास्तव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा ‘स्नेह’ है क्योंकि पवित्र और सच्चा प्रेम आरएसएस के काम का आधार है
मोहन भागवत ने कहा,‘‘स्नेह और विचारधारा दो भिन्न चीजें नहीं हैं,वास्तव में राष्ट्रीय स्वयं सेवक की विचारधारा ‘स्नेह’ है क्योंकि पवित्र और सच्चा प्रेम आरएसएस के काम का आधार है.’’
गडकरी बोले- विचारधारा से ज्यादा महत्वपूर्ण स्नेह
इससे पहले कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उनके लिए विचारधारा से ज्यादा महत्वपूर्ण स्नेह है. भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि संघ का सच्चा कार्यकर्ता वही है जो लोगों को एकसाथ लाता है. उन्होंने कहा कि हिंदू जब एकजुट हो जाते हैं तो वह स्नेह करने के गुण को नहीं खोते बल्कि पूरी दुनिया को गले लगाते हैं.
इससे पहले महाराष्ट्र में सरकार गठन पर जारी गतिरोध के बीच नितिन गडकरी और मोहन भागवत की मुलाकात हुई थी. बता दें कि महाराष्ट्र में चुनाव परिणाम के 15 दिन बाद भी सरकार गठन पर अनिश्चितता बनी हुई है. प्रदेश में विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है.
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