Republic Day 2025: भिवंडी में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने समाज और देश के लिए अपने विचार शेयर किए. उन्होंने कहा कि अगर एक व्यक्ति दुखी होता है तो वह दुख पूरे विश्व में फैलता है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि अगर व्यक्ति सुख में है, लेकिन उसका परिवार दुखी है तो वह असल में सुखी नहीं हो सकता. भागवत ने परिवार को समाज का आधार बताते हुए कहा कि परिवार से गांव, गांव से प्रदेश, और प्रदेश से देश बनता है. इसलिए परिवार और समाज के बीच मजबूत बंधुत्व और सहयोग होना जरूरी है ताकि देश और समाज उन्नति की दिशा में आगे बढ़ सकें.


भागवत ने कार्यक्रम के दौरान ये भी कहा कि समाज का विकास बिना सहयोग के संभव नहीं है. उन्होंने लोगों को ये समझाया कि ध्वज के बीच में धर्म चक्र का प्रतीक है जो समनता और स्वतंत्रता का संदेश देता है. उनका मानना था कि यदि हम समाज को अपना देश बनाएंगे तो देश की शक्ति बढ़ेगी और हर नागरिक को इसका लाभ होगा. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि समाज में बंधुत्व की भावना बनाए रखना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे ही समाज में एकता और प्रगति संभव हो पाती है.


मोहान भागवत ने दिया संघर्ष और योगदान पर जोर 


मोहान भागवत ने आगे कहा कि अगर हम केवल अपने लिए जीते हैं तो क्या जीवन जीने का कोई उद्देश्य है. उन्होंने ये भी बताया कि वे लोग जो अपने परिवार और समाज के लिए काम करते हैं उनकी जयंती मनाना एक बड़ा पुण्य है. हमारी मुख्य प्राथमिकता ये होनी चाहिए कि हम क्या बांटते हैं न कि हम क्या कमाते हैं. उन्होंने ये अपील की कि हमें पुरूषार्थ से कमाई करनी चाहिए, लेकिन जो कुछ भी सृष्टि हमें दे रही है उसे हमें लौटाना भी चाहिए. उनका मानना था कि भारत के पास आध्यात्मिक ज्ञान और तकनीकी के अनुपम संयोजन का समृद्ध खजाना है जिसे पूरी दुनिया के सामने लाना चाहिए.


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