मोहन भागवत कई धर्मों के प्रमुखों से मिलेंगे, राम मंदिर पर फैसले के मद्देनजर अगले कुछ दिनों तक करेंगे बैठक
राम मंदिर पर फैसला आने के बाद सामाजिक और धार्मिक सौहार्द बना रहे इसके लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में अलग-अलग धर्मों के प्रमुख लोगों से मिलेंगे. वहीं अगले कुछ दिनों में धर्म प्रमुखों के साथ उनकी बैठकों का दौर जारी रहेगा.
नई दिल्लीः संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में अलग-अलग धर्मों के प्रमुख लोगों से मिलेंगे. अगले कुछ दिनों में इन मुलाकातों का सिलसिला जारी रहेगा. संघ प्रमुख मोहन भागवत आज मुस्लिम समाज के कुछ प्रमुख नेताओं सिख समाज के कुछ प्रमुख नेताओं और जैन समाज के कुछ प्रमुख नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. यह मुलाकातें राम मंदिर पर आने वाले फैसले के मद्देनजर की जा रही हैं ताकि फैसला आने के बाद सामाजिक और धार्मिक सौहार्द बना रहे.
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने संघ से जुड़े लगभग सभी प्रमुख पदाधिकारियों और राज्य के संघ चालकों और जिले के कारवां तक को अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली नागरिकों सहित अन्य धर्मों से जुड़े प्रमुख लोगों, संतो से मिलकर समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने के लिए कहा है. संघ की लगातार कोशिश है कि राम मंदिर पर आने वाले ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर सामाजिक सौहार्द और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे इसके लिए यह बैठकें चल रही हैं .अगले 4 दिनों तक यानी 6 नवंबर तक संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में ही रहेंगे.
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संघ से जुड़े तमाम दूसरे अनुषांगिक संगठनों के भी प्रमुख लोगों को समाज के दूसरे प्रभावशाली नागरिकों और दूसरे संप्रदाय और धर्म के प्रमुख धार्मिक लोगों-संतो के साथ ऐसी ही मुलाकातें करने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं. अगले 1 महीने तक संघ ने अपने प्रचारकों के प्रवास और सभी कार्यक्रम रद्द करने को कहा है और सभी प्रचारकों को अपने केंद्र पर बने रहने और केंद्र क्षेत्र में आने वाले सभी प्रमुख लोगों से मिलकर सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए बैठकें करने के निर्देश दिए हैं. खासतौर पर विश्व हिंदू परिषद जोकि राम जन्मभूमि आंदोलन के दौरान सबसे मुखर संगठन रहा है. उसके प्रमुख लोगों और पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपने अपने क्षेत्र में आने वाले सभी धार्मिक संतों, अल्पसंख्यक समुदाय के प्रमुख लोगों और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर राम मंदिर पर आने वाले फैसले के मद्देनजर सांप्रदायिक सौहार्द बनाने के लिए मिलजुल कर प्रयास करते रहें.
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संघ के सूत्रों ने हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया कि संघ प्रमुख किन अल्पसंख्यक नेताओं और धार्मिक संतों से मुलाकात कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि ऐसा करने से जो उद्देश्य है वह कमजोर पड़ जाएगा. हमारी कोशिश सांप्रदायिक सौहार्द बनाने की है और उसके लिए पर्दे के पीछे चलने वाले प्रयासों को सार्वजनिक करना ठीक नहीं है.
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