नई दिल्ली: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की अगले सप्ताह दिल्ली में होने वाली तीन दिवसीय व्याख्यान माला में सभी बड़े राजनीतिक दलों के नेताओं के अलावा धार्मिक नेताओं, फिल्म सितारों, खिलाड़ियों, उद्यमियों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, सशस्त्र बलों के पूर्व प्रमुखों और 60 से अधिक देशों के राजदूतों के भाग लेने की संभावना है.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने बताया कि 17 से 19 सितंबर तक 'भारत का भविष्य: आरएसएस का दृष्टिकोण' विषय पर भागवत के तीन दिवसीय व्याख्यान माला के लिए करीब 500 गणमान्य व्यक्तियों की सूची तैयार की गई है. कार्यक्रम के तीसरे दिन बातचीत का एक सत्र भी आयोजित किया जाएगा.


संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि विभिन्न मुद्दों पर संघ के दृष्टिकोण को बताने और उसके कामकाज और विचारधारा के बारे में गलत धारणाओं को मिटाने के लिए यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है. इसलिए यह महसूस किया गया कि इसमें सभी वर्गों के लोगों को आमंत्रित करना चाहिए.


निमंत्रण भेजने की प्रक्रिया से जुड़े संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा, ''सूची में सभी धर्मों के धार्मिक नेता, फिल्मी सितारे, खिलाड़ी, मीडियाकर्मी, सेवानिवृत्त न्यायाधीश और सशस्त्र बलों के पूर्व प्रमुखों के नाम शामिल हैं. इन सभी गणमान्य लोगों को आमंत्रित किया जा रहा है.'' उन्होंने कहा कि 60 से ज्यादा देशों के राजदूतों को भी आमंत्रित किया जाएगा.


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आरएसएस ने यह संकेत दिया था कि वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी और विभिन्न विचारधाराओं वाले सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित करेगा. इससे पहले आरएसएस प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा था कि भारत के भविष्य के संदर्भ में व्याख्यान माला आयोजित की जा रही है और भागवत राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न समकालीन मुद्दों पर संघ के विचार रखेंगे.


सूत्रों ने यह भी बताया कि जुलाई में सोमनाथ में हुई अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में यह कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला लिया गया था.