मुंबई: दादर और नागर लोकसभा क्षेत्र से सांसद मोहन डेलकर की मौत के मामले में राजनीतिक बयानबाजियां तेज हो गई हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बिना नाम लिए राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा है.


मुख्यमंत्री ने कहा, “क्या वे राजनेता इस्तीफा देंगे, जिनके नाम सांसद मोहन डेलकर के सुसाइड नोट में आया है. क्यों सड़कों पर कोई इसका विरोध नहीं कर रहा है? मैं प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील करता हूं कि जब मुंबई पुलिस गुजरात में जांच के लिए जाए पूरा सहयोग किया जाए.”


बता दें केंद्रशासित प्रदेश से निर्दलीय सांसद 58 वर्षीय मोहन डेलकर 22 फरवरी को दक्षिण मुंबई स्थित एक होटल के कमरे में पंखे से लटके पाए गए थे. पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से गुजराती भाषा में लिखा एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था.


मोहन डेलकर साल 1989 में वे दादर और नागर लोकसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत उन्होंने ट्रेड यूनियन नेता के तौर पर थी. वे कांग्रेस और बीजेपी के टिकट पर सांसद का चुनाव लड़ चुके थे. बाद में उन्होंने भारतीय नवशक्ति पार्टी (बीएनपी) का गठन किया था.


साल 2019 में उन्होंने खुद को कांग्रेस से अलग करने का फैसला किया और बतौर निर्दलीय उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में उतरे और जीत दर्ज करने में कामयाबी हासिल की.  डेलकर मई 2019 में सातवीं बार सांसद निर्वाचित होकर संसद पहुंचे थे.


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