मोहन यादव बनाए गए मध्य प्रदेश के नए सीएम, जानें इनके बारे में 5 बड़ी बातें
Mohan Yadav Facts: मध्य प्रदेश के नए सीएम और बीजेपी विधायक मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं.
Madhya Pradesh New CM: मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री को लेकर जारी सस्पेंस सोमवार (11 नवंबर) को खत्म हो गया. उज्जैन दक्षिण से बीजेपी विधायक मोहन यादव को भोपाल में केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया.
ऐसे में आखिर सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वालों में से एक शिवराज सिंह चौहान की जगह मध्य प्रदेश की कमान मोहन यादव को बीजेपी ने सौंप दी. आईए ऐसे में मोहन यादव के बारे में पांच बड़ी बाते जानें.
लोगों ने जताया भरोसा
मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से उज्जैन संभाग में 29 सीटें आती हैं. यहां की 29 सीटों में से बीजेपी के खाते में 25 सीटें गई थी. वहीं कांग्रेस 4 सीटों पर सिमट गई थी. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि मोहन यादव को सीएम चुनने का सबसे मुख्य कारणों में से ये एक है.
तीसरी बार लगातार विधायक
मोहन यादव मध्य प्रदेश की उज्जैन दक्षिण सीट से लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने उज्जैन दक्षिण सीट से हाल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव को 12 हजार 941 वोटों से हराया था. चुनाव आयोग के मुताबिक मोहन यादव को 95 हजार 699 मत मिले थे तो चेतन प्रेमनारायण यादव को 82 हजार 758 वोट मिले थे.
ओबीसी समाज से आते हैं
मोहन यादव का मध्य प्रदेश का नया सीएम चुने जाने का कारण उनका अन्य पिछड़ा वर्ग OBC) से आना भी है. ऐसा इसलिए भी क्योंकि राज्य में ओबीसी की आबादी 48 प्रतिशत से अधिक है. बीजेपी 2003 के बाद से मध्य प्रदेश में सीएम पद के लिए ओबीसी नेताओं के साथ गई है.
इससे पहले बीजेपी ने उमा भारती को आगे बढ़ाया था जो कि एक लोधी हैं. एक साल बाद, पार्टी ने एक और ओबीसी बाबूलाल गौर और फिर 2004 में शिवराज सिंह चौहान पर अपना दांव लगाया था.
आरएसएस के करीबी
मोहन यादव राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के करीबी हैं. उन्होंने 1993 से 1995 तक आरएसएस में काम किया है. यादव माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह सचिव, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री, एबीवीपी की मध्य प्रदेश इकाई में सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य का दायित्व निभा चुके हैं,
मोहन यादव का किसी विवाद में नाम नहीं आना
मोहन यादव का नाम किसी भी बड़े विवादों में नहीं आया है. इसके अलावा वो मध्य प्रदेश सरकार में 2020 से 2023 तक शिक्षा मंत्री रहे हैं. यादव की शैक्षिणक योग्यता की बात करें तो उन्होंने एमबीए और पीएचडी की है.
मोहन यादव ने 1997 में बीजेपी से जुड़कर राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. बता दें कि बीजेपी ने राज्य की 230 सीटों में से 163 पर जीत दर्ज की है.
इनपुट भाषा से भी.
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