अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर निर्माण के लिए पैसे जुटाने को लेकर चलाये निधि समर्पण अभियान पूरा हो चुका है. जिसके बाद अब इस अभियान से जुड़े लोगों का कहना है कि इस अभियान से जितना पैसा आया है वह उम्मीद से कहीं ज्यादा है. यहां तक कि जितना पैसा इकट्ठा हुआ है उससे सिर्फ राम मंदिर निर्माण ही नहीं बल्कि आसपास के पूरे इलाके को विकसित करने में मदद मिलेगी.
इस सब के बीच अभी भी समाज के अलग-अलग तबकों से लोग सामने आ रहे हैं जो अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए सहयोग राशि दे रहे हैं. साथ ही इसमें अलग-अलग धर्मों से जुड़े हुए लोग भी शामिल है.
मुस्लिम समुदाय से जुड़े यह लोग अयोध्या में बनने वाले भव्य राम मंदिर के लिए अपना सहयोग देने के लिए पहुंचे हैं. वैसे तो निधि समर्पण अभियान पूरा हो चुका है लेकिन फिर भी अगर कोई व्यक्ति चाहे तो वह सहयोग दे सकता है और उसी कड़ी में मुस्लिम समुदाय के यह लोग बीजेपी के पूर्व सांसद विजय गोयल के पास राम मंदिर के निर्माण में सहयोग देने के लिए समर्पण राशि देने पहुंचे हैं.
वहीं इस निधि समर्पण अभियान से जुड़े विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि 44 दिनों तक चले इस अभियान के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास जितना पैसा पहुंचा है वह उम्मीद की गई पैसे से कहीं ज्यादा है. हालांकि आलोक कुमार ने उन खबरों को बेबुनियाद बताया जिसमें 2100 करोड़ रुपए राम मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठा हुआ पैसा उम्मीद से ज्यादा, 2024 तक मंदिर निर्माण पूरा करने लक्ष्य करने की बात कही गई थी वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि 2100 करोड़ों रुपए की बात सही नहीं है क्योंकि जो समर्पण राशि इस अभियान के तहत जुटाई गई है वह उससे कहीं ज्यादा है.
आलोक कुमार के मुताबिक इस अभियान के तहत जो पैसा राम मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठा हुआ पैसा उम्मीद से ज्यादा, 2024 तक मंदिर निर्माण पूरा करने लक्ष्यहुआ है उसका इस्तेमाल राम मंदिर निर्माण के लिए तो किया ही जाएगा लेकिन उसके साथ ही क्योंकि पैसा उम्मीद से कहीं ज्यादा राम मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठा हुआ पैसा उम्मीद से ज्यादा, 2024 तक मंदिर निर्माण पूरा करने लक्ष्य हुआ है लिहाजा अब उस पैसे का इस्तेमाल राम मंदिर के करीब ही एक बड़ा आधुनिक संग्रहालय, सत्संग भवन, एमफी थियेटर, लंगर भवन, यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए इंतजाम, लाइब्रेरी, रिसोर्स सेंटर, कन्वेंशन सेंटर आदि के निर्माण और रखरखाव में भी किया जाएगा.
हालांकि आलोक कुमार ने यह जानकारी भी दी है कि राम मंदिर को लेकर जो शुरुआती नक्शा तैयार किया गया था अब उसमें थोड़ा बदलाव हो रहा है. उसकी वजह यह है कि नींव को लेकर जो रूपरेखा तैयार की गई थी उसमें कुछ तकनीकी दिक्कतें आई थी जिसके बाद अब एक नए सिरे से नींव रखने का काम किया जाएगा और इसी वजह से राम मंदिर के निर्माण पर अभी कितना पैसा खर्च होगा उसका आकलन पूरी तरह से नहीं हो पाया है.
भले ही मंदिर निर्माण पर कितना पैसा खर्च होगा इसको लेकर अभी गणना की ही जा रही है लेकिन इस सबके बीच मंदिर निर्माण में इस्तेमाल होने वाले पत्थर और खंभों को तराशे जाने का काम जोरों शोरों से चल रहा है. जैसे ही नींव डालने का काम पूरा होगा मंदिर का निर्माण ज़ोर शोर से शुरू हो जाएगा.
राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के बाद अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के निर्माण के लिए जिस पैसे की जरूरत थी वह राम मंदिर निर्माण के लिए इकट्ठा हुआ पैसा उम्मीद से ज्यादा, 2024 तक मंदिर निर्माण पूरा करने लक्ष्यहो चुका है. ऐसे में अब उम्मीद यही की जा रही है कि जल्द से जल्द अब निर्माण काम तेजी से होगा और कोशिश यही है कि साल 2024 तक यह निर्माण का काम पूरा कर लिया जाए और राम लला के दर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भव्य राम मंदिर में उनके दर्शन हो सकें.
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