नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में कर्नाटक कांग्रेस के नेता डी के शिवकुमार की जमानत याचिका पर बुधवार को अपना फैसला सुना सकता है. जस्टिस सुरेश कैत ने उनकी जमानत याचिका पर 17 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिखा था. याचिका में दावा किया गया है कि यह मामला राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम था और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं.
ईडी ने 57 साल के शिवकुमार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीन सितंबर को गिरफ्तार किया था. वह अभी तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्होंने सुनवाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था. ईडी ने उनकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि वह प्रभावशाली व्यक्ति हैं और अगर उन्हें रिहा किया गया तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
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क्या है मामला?
दरअसल साल 2017 में आयकर विभाग ने शिवकुमार के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी. दिल्ली में उनके एक ठिकाने से करीब 8 करोड़ नकद भी मिले थे. आयकर विभाग ने कोर्ट में चार्जशीट दायर की. इसके बाद आयकर विभाग के आरोपपत्र के आधार पर ईडी ने डीके शिवकुमार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में मुकदमा दर्ज किया. बाद में डीके शिवकुमार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट से उन्हें तब राहत मिल गई. लेकिन कोर्ट में हार के बाद ईडी ने बेंगलूरु से दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया था और पूछताछ के दौरान ही डी के शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
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