Anil Parab Money Laundering Case: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री व शिवसेना (उद्धव) के नेता अनिल परब के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की. ED की ओर से अनिल परब, साई रिज़ॉर्ट एनएक्स और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 10.20 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की गई है. जो संपत्ति ED ने कुर्क की है, वो जमीन के रूप में है, और रत्नागिरी के दापोली में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED की ओर से कुर्क की गई संपत्ति वाली भूमि की कीमत 2,73,91,000 रुपये है, वहीं बताया जा रहा है कि उक्त जगह जहां साई रिज़ॉर्ट एनएक्स बनाया गया है, उस भूमि का मूल्य 7,46,47,000 रुपये हैं. साई रिजॉर्ट एनएक्स के अवैध निर्माण के संबंध में कई शिकायतें सामने आई थीं, जिसके बाद कार्रवाई की गई है. यानी यह मामला रिजॉर्ट के निर्माण में तटीय विनियमन क्षेत्र प्रावधानों के कथित उल्लंघन का है.
महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री थे अनिल परब
बता दें कि, 57 वर्षीय अनिल परब महाराष्ट्र में परिवहन और संसदीय मामलों के मंत्री रहे हैं. उनके पास यह कार्यभार वर्ष 2019 से 2022 तक रहा. सूबे में तब उद्धव ठाकरे के अगुवाई वाली शिवसेना की सरकार थी. परब खुद को सच्चा शिवसैनिक बताते हैं. एक बीजेपी नेता के आरोपों पर परब ने कहा था, 'मैं एक सच्चा शिवसैनिक हूं. मैं हमारे पार्टी के भगवान बालासाहेब ठाकरे और मेरी दोनों बेटियों की कसम खा चुका हूं.' परब मूलत: मुंबई के निवासी हैं. 1974 में उनका जन्म हुआ.
बीजेपी सांसद ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
परब के खिलाफ कथित मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा भी कई आरोप लगे. परब ने बीजेपी नेता और पूर्व सांसद किरीट सोमैया के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर पूर्व सांसद पर 100 करोड़ के मानहानि का दावा किया था. वहीं, बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने अनिल परब पर कोंकण के दापोली में अवैध होटल बनाने का आरोप लगाया. सोमैया ने सार्वजनिक रूप से परब पर परिवहन विभाग में ट्रांसफर रैकेट चलाने का आरोप भी लगाया था.
2022 में कई दफा लंबी पूछताछ हुई थी
परब पर कार्रवाई के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 14 स्थानों पर छापे मारे गए. 2022 में अनिल परब के खिलाफ ED ने कई बार समन जारी किया था. उन्हें बुलाकर ED के अधिकारियों ने कई-कई घंटे तक पूछताछ की थी. एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के दापोली समुद्र तट इलाके में साई रिजॉर्ट के निर्माण में कोस्टल रेगुलेशन जोन के प्रावधानों के उल्लंघन से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के केस में पूछताछ के लिए अनिल परब जून 2022 में ईडी कार्यालय बुलाए गए थे. तब अनिल से कई घंटे पूछताछ हुई थी. केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय से उन्हें देर रात बाहर निकलते देखा गया था. दापोली पुलिस स्टेशन में अनिल परब और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एक एफआईआर धोखाधड़ी और महाराष्ट्र राज्य सरकार को नुकसान पहुंचाने के मामले में भी दर्ज की गई थी.
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