मनी लॉन्ड्रिंग केस: ईडी ने कसा महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक पर शिकंजा, आठ संपत्तियां अटैच कीं
Money Laundering Case: इन प्रॉपर्टीज में कुर्ला वेस्ट के गोआवाला कंपाउंड, कमर्शियल यूनिट, उस्मानाबाद में 59.81 एकड़ की एग्रीकल्चर लैंड, कुर्ला वेस्ट में तीन फ्लैट और बांद्रा वेस्ट स्थित दो फ्लैट शामिल हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक की 8 संपत्तियों को प्रोविजनली अटैच कर दिया है. इन प्रॉपर्टीज में कुर्ला वेस्ट के गोआवाला कंपाउंड, कमर्शियल यूनिट, उस्मानाबाद में 59.81 एकड़ की एग्रीकल्चर लैंड, कुर्ला वेस्ट में तीन फ्लैट और बांद्रा वेस्ट स्थित दो फ्लैट शामिल हैं. ईडी ने मलिक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
62 वर्षीय मलिक को 23 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कास्कर से जुड़े एक दागी भूमि सौदे से उत्पन्न एक कथित धन शोधन मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. तब से लगातार हिरासत में, मलिक ने ईडी के मामले को रद्द करने के लिए पिछले हफ्ते बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया था. लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी.
इसके बाद PMLA की एक विशेष अदालत ने 4 अप्रैल को महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी. नवाब मलिक अब 18 अप्रैल तक जेल में रहेंगे. हालांकि कोर्ट ने घर का खाना और दवाइयों के लिए इजाजत दी है. इससे पहले न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें बेड, गद्दा और कुर्सी प्रदान करने की उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया था.
प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक सुप्रीम पहुंचे हैं. नवाब मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने पीएमएलए कानून का हवाला देते हुए पूरे मामले की जल्द जल्द सुनवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि PMLA कानून 2005 में लागू हुआ. जिन लेन-देन के लिए ED इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है, वह 2000 या उससे पहले के हैं. चीफ जस्टिस ने मामले पर जल्द सुनवाई का आश्वासन दिया.
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