Money Laundering Case: सत्येंद्र जैन की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए ED ने मांगा वक्त, कल होगी सुनवाई
ED on Satyendar Jain Case: ईडी की ओर से पेश ASG एसवी राजू ने कहा कि सत्येंद्र जैन की मेडिकल रिपार्ट में उनका स्वास्थ्य ठीक है. ब्लड प्रेशर के लिए दवा दी गई है लेकिन वो जानबूझकर कर दवाई नहीं ले रहे

Delhi Minister Satyendar Jain Money Laundering Case: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच जारी है. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) की जमानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए और वक्त मांगा है. सुनवाई कल के लिए रखने की मांग की है. मंगलवार को सुबह 11 बजे बेल पर सुनवाई होगी. फिलहाल उन्हें फिर से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी (ED) की तरफ से एएसजी एसवी राजू पेश हुए. उन्होंने कहा कि सत्येंद्र जैन की ज़मानत अर्जी पर जवाब दाखिल करने के लिए हमें वक़्त चाहिए. पहले ज़मानत अर्जी को देखना होगा. सुनवाई को कल के लिये टाल दिया जाए.
कोर्ट में ED की दलील
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि सत्येंद्र जैन की मेडिकल रिपार्ट बताती है कि उनका स्वास्थ्य ठीक है. उनको ब्लड प्रेशर की शिकायत है. इसके लिए दवाई दी गई है लेकिन वो जानबूझकर कर दवाई नहीं ले रहे हैं. एएसजी ने अदालत के समक्ष कहा है कि सत्येंद्र जैन को वही दवाई लेने को कहा गया है, जो मैं ख़ुद लेता हूं. वो दवा न लेकर जानबूझकर कर ऐसा माहौल बनाना चाहते हैं, जिससे उन्हें स्वास्थ्य के आधार पर ज़मानत मिल जाए.
सत्येंद्र जैन के वकील ने क्या कहा?
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश हुए वकील हरिहरन ने दलील देते हुए अदालत के समक्ष कहा कि सत्येंद्र जैन का स्वास्थ्य सही नहीं है. पिछली बार जब उन्हें अदालत में पेश किया गया था, तो पेशी के बाद अदालत परिसर में उनकी तबीयत खराब हो गई थी. उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए ही जमानत अर्जी दाखिल करनी पड़ी है.
क्या जमानत के लिए बहाना बनाया जा रहा?
सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) के वकील हरिहरन ने दलील देते हुए आगे कहा कि जमानत पाने के लिए कोई बहाना नहीं बनाया जा रहा है. सत्येंद्र जैन की तबीयत (Satyendar Jain Health) वाकई में खराब है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी गिरफ्तारी कर रिमांड पर पूछताछ कर ली है. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है. सभी सबूत दस्तावेज के रूप में है. ऐसा कहने के पीछे वकील का आशय ये था कि दस्तावेजों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है.
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