Sanjay Raut ED Case: शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) आज मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) के सामने पेश नहीं होंगे. संसद सत्र चल रहा है, इसलिए ईडी के सामने पेशी से फिलहाल उन्होंने समय मांगा है. इससे पहले भी संजय राउत को ईडी ने समन जारी कर बुलाया था और उनका बयान दर्ज किया था.
उनसे आखिरी बार एक जुलाई को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी. ये मामला मुंबई की पात्रा चॉल नामक आवास परिसर के पुनर्विकास में कथित घोटाले का है. अप्रैल में, प्रवर्तन निदेशालय ने मामले के संबंध में संजय राउत की पारिवारिक संपत्तियों को कुर्क किया था.
संजय राउत ने बताया है साजिश
संजय राउत ने इसे एक साजिश बताया है लेकिन जोर देकर कहा कि वह जांच में सहयोग करेंगे. उन्होंने आखिरी बार हुई पूछताछ के बाद कहा था कि, "एजेंसी का काम जांच करना है. हमारा काम उनकी जांच में सहयोग करना है. मैं इसलिए आया क्योंकि उन्होंने मुझे बुलाया था और मैं ईडी के साथ सहयोग करना जारी रखूंगा." संजय राउत ने कहा था, "ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग का महत्व कम हो रहा है. इससे पहले जब भी इस एजेंसी ने कोई कार्रवाई की, तो ऐसा लग रहा था कि कुछ गंभीर है, लेकिन पिछले कुछ सालों से ऐसा लग रहा है कि एजेंसी के द्वारा तब कार्रवाई होती है जब कोई राजनीतिक दल अपना गुस्सा निकाल रहा होता है."
बीजेपी पर लगाए हैं प्रतिशोध की राजनीति के आरोप
शिवसेना सांसद ने ये भी कहा था कि एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों द्वारा हाल ही में जो विद्रोह किया गया था वो केंद्रीय जांच एजेंसियों के डर से किया गया था. एक मौके पर उन्होंने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली नई सरकार को 'ईडी सरकार' भी करार दिया था. बता दें कि, संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत से भी पीएमसी बैंक धोखाधड़ी के संबंध में पूछताछ की गई थी. इस मामले को लेकर शिवसेना ने कहा था कि ये बीजेपी द्वारा प्रतिशोध की राजनीति है.
पात्रा चॉल घोटाला क्या है?
मुंबई के गोरेगांव में पात्रा चॉल स्थित है. इस घोटाले की शुरुआत तब हुई जब महाराष्ट्र सरकार ने चॉल में रहने वाले 672 किरायेदारों को फ्लैट देने के लिए सरकारी योजना बनाई थी. जिसके लिए एचडीआईएल (HDIL) की कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने किरायेदारों के लिए फ्लैट बनाने का ठेका दिया गया था. कंपनी को 672 फ्लैट चॉल के किरायेदारों को देकर 3000 फ्लैट महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (MHADA) को हैंडओवर करने थे.
आरोप है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ना तो चॉल में रहने वाले लोगों के फ्लैट बनाए और ना ही महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण को कोई फ्लैट सौंपा. ये कथित भूमि घोटाला (Patra Chawl Scam) 1,034 करोड़ रुपये का बताया गया है. ईडी (ED) ने इस मामले में प्रवीण राउत को गिरफ्तार किया था जो गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक और संजय राउत (Sanjay Raut) के करीबी हैं.
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