Amogh Lila Controversy: संतों ने जिस मुंह से ब्रह्म बोला, उसमें भी बैक्टीरिया थे... तुम्हें किस पर ध्यान देना है? बोले आचार्य प्रशांत
Amogh Lila Das Controversy: स्वामी विवेकानंद पर टिप्पणी को लेकर आचार्य प्रशांत ने कहा कि इतना हक ऊंचे से ऊंचे आदमी को दिया करो कि उनमें कुछ कमियां और कमजोरियां हो सकती हैं.
Amogh Lila Das: इस्कॉन मंदिर सोसाइटी से जुड़े स्वामी अमोघ लीला दास के चल रहे विवाद के बीच आचार्य प्रशांत का भी बयान आया है. उन्होंने विवेकानंद द्वारा मीट खाने से जुड़े सवाल पर कहा कि वह भी इंसान थे और इंसान में कमियां होती हैं. उनका यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब स्वामी विवेकानंद पर अमोघ लीला दास की एक टिप्पणी को लेकर बवाल मचा हुआ है. उनका एक वीडियो इन दिनों काफी चर्चाओं में है, जिसमें वह स्वामी विवेकानंद के मछली खाने पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं.
इस बीच आचार्य प्रशांत ने विवेकानंद द्वारा मीट खाए जाने से जुड़े सवालों का जवाब दिया है. उन्होंन आचार्य प्रशांत के यूट्यूब चैनल से जारी किए गए वीडियो में वह कह रहे हैं, "स्वामी विवेकानंद इंसान थे और हर इंसान में कमियां होती हैं. इतना हक ऊंचे से ऊंचे आदमी को दिया करो कि उनमें कुछ कमियां और कमजोरियां हो सकती हैं, वे सीखने की चीज नहीं हैं. इस बात को स्वीकार करो और गौर करो कि उसमें ये कमी है, लेकिन वो सीखनी नहीं है. उनसे मुझे सीखने लायक चीजें सीखनी हैं. ऋषियों ने जिस मुंह से ब्रह्म उच्चारा था उसमें भी कुछ बैक्टीरिया लगे थे."
दोनों में पहले भी हो चुका है विवाद
आचार्य प्रशांत और स्वामी अमोघ लीला दास के बीच पहले भी विवाद रह चुका है. एक बार आचार्य प्रशांत ने इस्कॉन को लेकर कुछ सवाल उठाए थे, जिस पर स्वामी अमोघ की तरफ से भी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा कि कुछ चीजों में शायद उनको कुछ गलत जानकारी है या क्या है, लेकिन वह अप्रत्यक्ष रूप से हमारे पीछे लगे हुए हैं. स्वामी अमोघ ने कहा, "आचार्य प्रशांत जी को ऐसा लगता है कि हम सिर्फ नाचते गाते रहते हैं. एक होता है फिल्मी गानों पर नाचना और एक होता है कीर्तन में नाचना वो तो चैतन्य महाप्रभु जी भी नाचे थे. भगवान श्रीकृष्ण भी गोपियों के साथ नृत्य करते थे. भागवान के भजन पर नाचना गाना ये तो हमारा कल्चर है. ऐसा नहीं है कि इस्कॉन में सब नाचते रहते हैं प्रसाद भी बांटते हैं, सनातन का प्रचार प्रसार भी करते हैं."
इस दौरान, उन्होंने यह भी कहा था, "गीता में वास्तव में संघर्ष की बात नहीं है बल्कि ये है कि संघर्ष के परे कैसे जाना है. संघर्ष में तो पहले ही हम पड़े हुए हैं. गीता हमें भक्ति के माध्यम से दिव्य की ओर ले जाने वाली किताब है. ना कि वो कहती है कि संघर्ष करते रहो." स्वामी अमोघ का यह जवाब उस बयान पर आया था, जिसमें आचार्य प्रशांत ने कहा था कि गीता में कहां कहा गया है कि तुम नाचो गाओ. संघर्ष करने के बारे में कहा गया है.
कौन हैं स्वामी अमोघ लीला दास?
स्वामी अमोघ लीला दास एक आध्यात्मिक गुरु हैं और इस्कॉन मंदिर सोसाइटी से जुड़े हैं. उन्होंने काफी कम उम्र में ही आध्यात्मिक यात्रा शुरू कर दी थी और वह सॉफ्टेवेयर इंजीनियर की पढ़ाई भी कर चुके हैं. इन दिनों वह स्वामी विवेकानंद और रमकृष्ण परमहंस पर अपनी एक टिप्पणी को लेकर चर्चाओं में हैं. उन्होंने कहा, "अगर स्वामी विवेकानंद मछली खाएं तो क्या वो एक सिद्ध पुरूष हैं? क्योंकि कभी कोई सिद्ध पुरूष मछली नहीं खाएगा क्योंकि मछली को भी दर्द होता है. सिद्ध पुरूष के दिल में करूणा होती है. इतना ही नहीं अमोघ दास लीला ने यहां तक कह दिया कि स्वामी विवेकानंद की कुछ चीजें स्वीकार्य नहीं हैं.'' वहीं, उन्होंने रामकृष्ण परमहंस को भी निशाना बनाया. इस बयान के बाद विवाद बढ़ता देख इस्कॉन ने अमोघ लीला दास पर एक महीने के लिए बैन लगा दिया है.
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