Monkeypox  Cases in Delhi: दिल्ली (Delhi) में मिले मंकीपॉक्स (Monkeypox) के पहले मरीज में स्किन इंफेक्शन के आम लक्षण (Common Skin Infection) मिले थे. शख्स का इलाज करने वाली निजी क्लिनिक चला रहीं डॉक्टर रिचा चौधरी (Dr. Richa Chowdhary) ने यह जानकारी दी. इसी के साथ उन्होंने सरकारी अधिकारियों को अलर्ट भी कर दिया था. मरीज को एरिथेमा मल्फॉर्म (Erythema Multiforme) से डायग्नोस किया गया था जो कि आम तरह के स्किन इन्फेक्शन है. यह संक्रमण ड्रग के कारण होता है. शुरू में इसमें मंकीपॉक्स जैसे चकत्ते नहीं दिखते हैं लेकिन बाद पुणे की लैब में जब सैंपल का परीक्षण कराया गया तो मरीज मंकीपॉक्स से संक्रमित निकला. इस मरीज का केस इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि इसका विदेश यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है. मरीज ने घरेलू यात्रा की थी. 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती होने से पहले मरीज 16 जुलाई को त्वचा रोग विशेषज्ञ रिचा चौधरी के क्लिनिक पर गया था. डॉक्टर रिचा के मुताबिक, मरीज जब आया था तब उसके सीने, पेट, हथेलियों और जननांग में त्वचा फट रही थी. डॉक्टर ने कहा, ''वह मेरे पास चिकनपॉक्स की शिकायत लेकर आया था लेकिन मैंने उससे कहा कि यह वो नहीं है. मेरी पहली डायग्नोसिस एरिथेमा मल्टीफॉर्म थी, जिसमें भी त्वचा में इसी तरह के लक्षण दिखाई पड़ते हैं. मैंने उसे पांच दिन की दवाइयां दीं.''


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डॉक्टर ने बताया ऐसी थी मरीज की हालत


डॉक्टर रिचा ने कहा कि पांच दिन के बाद मरीज वापस आया और उसके शरीर बड़े चकत्ते पड़ गए थे, जिनमें दर्द हो रहा था और उनमें मवाद भरा हुआ था. उन्होंने कहा कि छाले मरीज के चेहरे पर नहीं पड़े थे जैसा कि अमूमन मंकीपॉक्स के रोगियों में देखा जाता है. उन्होंने कहा कि उसके शरीर में सीमित चकत्ते पड़े थे. डॉक्टर ने कहा मरीज से काफी पूछताछ के बाद उन्होंने मंकीपॉक्स के लक्षणों से उसके लक्षणों का मिलान किया. 24 जुलाई को पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से रिपोर्ट आने के बाद मरीज को मंकीपॉक्स से संक्रमित घोषित किया गया. बता दें कि 27 जुलाई को दिल्ली में मंकीपॉक्स का एक और मरीज मिला है. मरीज को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस प्रकार दिल्ली में मंकीपॉक्स के मरीजों की संख्या दो हो गई है.


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