Monkeypox Virus: दुनिया में कोरोना महामारी (Corona Pendamic) का खतरा खत्म नहीं हुआ था के इस बीच मंकीपॉक्स वायरस (Monkeypox Virus) ने दस्तक देदी हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार अब तक 92 मंकीपॉक्स के मामले 12 देशों में दर्ज हो चुके हैं वहीं 28 मामले संदिग्ध हैं. WHO ने सभी देशों को सतर्क रहने की सूचना दी है और इस बात की आशंका जताई है कि मंकीपॉक्स के मामले दुनिया के अन्य देशों में भी तेजी से फैल सकते हैं. इस बीच आम लोगों के लिए मंकीपॉक्स यह नाम काफी नया होगा और इस बीमारी में क्या असर होता है मनुष्य पर? 


इसकी अधिक जानकारी देते हुए वॉक हार्ट हॉस्पिटल के डाक्टर बेहराम पारदीवाला जो की MD हैं इंटरनल मेडिसिन के उन्होंने बताया के यह बीमारी नज़दीकी संपर्क बनाने से होती हैं. डॉक्टर ने जानकारी देते हुए कहा के मंकीपॉक्स आम पॉक्स की बीमारी की तरह ही है. जैसे की पॉक्स की बीमारी के वक्त शरीर पर दाने आ जाते हैं और फिर दानों में पानी भर जाता और फिर वह सूख जाते हैं. यह करीब तीन हफ्ते में ठीक हो जाता हैं. इसकी शुरुआत चूहों से हुई है. चूहों के काटने से यह फैलता है हालांकि बंदर और इंसानों में इसके फैलने का दूसरा माध्यम हैं. इसीलिए अब तक दुनिया में 92 मामले दर्ज हो चुके हैं. 


ऐसे फैलता है मंकीपॉक्स
जब कोई मरीज खांसता हैं या फिर किसीने ने मरीज के साथ नज़दीकी संबंध बनाए हैं तो यह जल्दी फैलता है. ब्रिटेन में कहा गया है के जब कोई मर्द किसी दूसरे मर्द के साथ संभोग करता है तब यह बीमारी अधिक फैलती है, हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह अब तक पता नहीं. इसके अलावा इसके लक्षण इतने गंभीर नहीं है लेकिन यह जल्द फैल सकता है, जैसे की दुनिया में जब से कोरोना के मामले कम होते जा रहे है लोगों की भीड़ यात्राओं में बढ़ती जा रही है इसीलिए मंकीपॉक्स इस बीमारी के फैलने की आशंका अधिक है और इसीलिए WHO गंभीरता से देशों को सतर्कता बरतने के लिए कह रहा है.


बीमारी सामान्य है लेकिन हल्के में ना लें, बरतें सावधानी
यह बीमारी कोरोना की तरह फेफड़ों में ज्यादा असर नहीं करती है लेकिन इलाज नहीं किया तो खतरा बढ़ सकता है. यह बीमारी "विजुअल डायग्नोसिस" है यानि के आप मरीज को देख कर समझ जायेंगे के वह मंकीपॉक्स इस बीमारी से गुजर रहा है लेकिन बीमारी की पुष्टि करने के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी होगा. डॉक्टर बेहराम पारदीवाला ने लोगों से अपील कर कहा के वह मास्क जरूर लगाएं और अपनी सुरक्षा की जिम्मेदारी खुद उठाएं.


क्या है मुंबई की तयारी?


मुंबई शहर जहां दुनिया भर के यात्री आते हैं वहां भी मंकीपॉक्स इस वायरस से बचने के लिए निर्देश जारी करदिए गए हैं. मुंबई महानगर पालिका ने सतर्कता बरतने के लिए आज निर्देश जारी किए हैं. 



  • बीएमसी ने स्पष्ट किया है के अब तक मुंबई में मंकीपॉक्स का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ हैं.

  • एयरपोर्ट पर एंडेमिक और नॉन एंडेमिक देशों से यात्रियों की जांच हो रही है.

  • संदिग्ध मामलों के लिए मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में एक अलग वार्ड बनाया गया है जहां 28 बेड्स रखे गए हैं.

  • संदिग्ध मामलों के सैंपल NIV पुणे में भेजे जाएंगे.

  • सारे स्वास्थ्य विभागों को सूचित किया गया है के अगर एक भी संदिग्ध मामला मिलता है तो उन्हें कस्तूरबा अस्पताल में भेजा जाए.


राज्य स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी किए गए निर्देश क्या है?


फिलहाल भारत में मंकीपॉक्स का एक भी मामला सामने नहीं आया हैं लेकिन अन्य देशों में मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों को सतर्क रहने का निर्देश दिया हैं.



  • इस निर्देश के बाद राज्य स्वास्थ विभाग ने मंकीपॉक्स को लेकर एडवाइजरी भी जारी की हैं.

  • उन सभी संदिग्ध मरीजों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी जिन्होंने प्रभावित देशों की यात्रा बीते 21 दिनों में की है.

  • इन संदिग्ध मरीजों की सूचना स्थानीय जिला अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य विभाग को तुरंत देने के निर्देश दिए गए हैं.

  • ऐसे मरीजों का इलाज करते समय सभी संक्रमण नियंत्रण तरीकों का पालन किया जाना चाहिए.

  • रिपोर्ट अगर पॉजिटिव आती है तो कांटेक्ट ट्रेसिंग शुरू की जाएगी.

  • संदिग्ध मरीजों के रक्त थूक और नमूने परीक्षण के लिए एनआईवी पुणे में भेजे जाएंगे.

  • पिछले 21 दिन में मरीज के संपर्क में आए लोगों की तुरंत पहचान करनी होगी और उन्हें आइसोलेट करना होगा.

  • संदिग्ध मरीजों के सभी घाव भर नहीं जाते और त्वचा की एक नई परत नहीं बन जाती है तब तक आइसोलेशन समाप्त नहीं कर सकते हैं और तब तक क्वारेंटाइन रहना चाहिए.


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