नई दिल्ली: देश में इस साल मानसून ने पहले ही दस्तक दिया है और तटीय प्रदेश केरल में झमाझम बारिश शुरू हो चुकी है. मौसम विभाग का अनुमान है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल मानसून की बरसात बेहतर हो सकती है. विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि पूरे देश में इस साल जून से सितंबर के बीच मानसून के दौरान सामान्य बारिश यानी 96 फीसदी से 104 फीसदी के बीच हो सकती है. 1 जुलाई तक पूरे देश को मानसून कवर कर लेगा.


पिछले साल भारत में 97 फीसदी बारिश हुई थी और मौमस विभाग ने मानसून की बारिश को सामान्य बताया था. आईएमडी के महानिदेशक केजे रमेश ने बताया, "देश में दीर्घकालीन औसत के 97 फीसदी बारिश को सामान्य माना जाता है. इसमें चार फीसदी अधिक या कम की संभावना बनी रहती है." उन्होंने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि 2018 में पिछले साल यानी 2017 के मुकाबले अच्छी बारिश होगी."


कहां कब पहुंच सकता है म़ानसून 


महाराष्ट्र- 5 जून
ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात- 10 जून
राजस्थान, उत्तर प्रदेश- 15 जून
उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली- 25 जून


आईएमडी ने बुधवार को लंबी अवधि के अपने दूसरे चरण के अनुमान में त्रुटि की संभावना को पांच फीसदी से घटाकर चार फीसदी कर दिया है. मौसम भिाग के अनुसार, उत्तर पश्चिम भारत में मानसून सीजन में 100 फीसदी, मध्य भारत में 99 फीसदी और दक्षिणी प्रायद्वीप में 95 फीसदी और उत्तर भारत में 93 फीसदी बारिश होने की संभावना है. आईएमडी ने कहा कि जुलाई के दौरान पूरे देश में 101 फीसदी के करीब बारिश हो सकती है, जबकि अगस्त में 94 फीसदी बारिश का अनुमान है.


मौसम विभाग का अनुमान अलग-अलग मापदंडों पर आधारित होता है. इनमें से एक के मुताबिक, मानसून सीजन में चार फीसदी कम या ज्यादा की त्रुटि के साथ देश में 102 फीसदी बरसात हो सकती है. मानसून सामान्य रहने का मतलब बारिश का अनुमान 96 से 104 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि 104 से 110 फीसदी बारिश को सामान्य से अधिक वर्षा कहते हैं. भारत में 1951 से 2000 के बीच औसत बारिश 89 सेंटीमीटर दर्ज की गई है.