दिल्ली में 15 साल में सबसे लेट आ रहा मानसून, 10 जुलाई तक दे सकता है राजधानी में दस्तक
गर्मी से तप रहे उत्तर भारत के लिए राहत की खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली समेत बारिश के लिए तरस रहे हिस्सों में 10 जुलाई तक मानसून पहुंचने का अनुमान है.
नई दिल्ली: दिल्ली में इस बार मानसून बीते 15 साल में सबसे लेट आ रहा है. दिल्ली और उत्तर भारत मे 10 जुलाई तक मानसून दस्तक दे सकता है. मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि मानसून में देरी से कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, सामान्य वर्षा होने की ही संभावना है.
गर्मी से तप रहे उत्तर भारत के लिए राहत की खबर है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली समेत बारिश के लिए तरस रहे हिस्सों में 10 जुलाई तक मानसून पहुंचने का अनुमान है. अगर दिल्ली की बात करें तो इस बार मानसून वक्त से ना आने की वजह से दिल्ली वाले तेज गर्मी और उमस झेल रहे हैं. जिससे राहत मानसून की झामझम बारिश ही दे सकती है. आपको बता दें कि इस बार दिल्ली में पिछले 15 साल में मानसून सबसे लेट पहुंचेगा. इससे पहले 2012 में 7 जुलाई और 2006 में 9 जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था. 2002 में दिल्ली में 19 जुलाई को पहली बार मानसून की बारिश हुई थी तो अब तक 1987 में सबसे लेट 26 जुलाई को मानसून आया था.
तापमान 40 डिग्री पार
इस बार मानसून में देरी के कारण आसमान से मानो जैसे आग बरस रही हो, कई दशकों बाद जुलाई में दिल्ली का तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच रहा है. तो वहीं राजधानी समेत आस पास के इलाकों में भी भीषण गर्मी और उमस है और इससे राहत मानसून की तेज बारिश ही दिलाएगी. हालांकि बीते 3-4 दिनों में दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई, जिससे तकरीबन 2 दिनों तक तापमान में 2-3 डिग्री तक गिरावट देखी गई.
मौसम जानकार इसे प्री मानसून की तरह देख रहे हैं. आज यानी मंगलवार की बात करें तो आज भी दिल्ली का तापमान और उमस लोगों को परेशान कर रहा है. सुबह के वक्त तापमान जहां तकरीबन 37 डिग्री रहा तो वहीं आज अधिकतम तापमान 40 डिग्री से ज्यादा जाने की संभावना है. देश में 4 महीने बरसात के मौसम के दौरान मानसून ब्रेक लेता रहता है. इस बार के मानसून ब्रेक में अलग बात ये है कि मानसून पूरे देश में छाने से पहले ही ब्रेक मोड में पहुंच गया है.
अक्सर ऐसा होता है कि जुलाई अंत या अगस्त की शुरुआत तक पूरे देश में पहुंचने के बाद मानसून ब्रेक लेता है. हमने इस बार मानसून की स्थिति पर ताजा बातचीत मौसम विभाग के वैज्ञानिक चरण सिंह से की है जिन्होंने बताया कि मानसून में देरी की वजह अरेबियन सी में एक्टिविटी में कमी की वजह से है क्योंकि हम देखते हैं कि जून के आस पास अरेबियन सी में एक्टिविटी बढ़ती है, जिससे मानसून वक्त से आ जाता है लेकिन इस बार एक्टिविटी कम देखी गई और इसकी वजह है कि जो वेस्टरली हवाएं है, वह एक्टिविटी को लगातार डॉमिनेट करती रही है. अभी बस इतना कह सकते हैं कि सामान्य बारिश ही होगी बाकी उस वक्त रियल टाइम में ही यह देखा जाएगा.
इस बार आकड़ों के हिसाब से देखें तो दिल्ली में 9 साल में सबसे ज्यादा गर्मी देखने को मिली. देश में वक्त से पहले आया मानसून पूरी तरह छाने से पहले ही थम गया था. इससे कई इलाकों में गर्मी बढ़ गई, जैसे राजधानी दिल्ली में एक जुलाई को पारा 43.5 डिग्री को छू गया. 9 साल में पहली बार राजधानी में जुलाई में इतनी गर्मी पड़ी है. उत्तर भारत के राज्यों में इस बार पारा सामान्य से 7 डिग्री तक ऊपर चला गया. गर्मी से लोग काफी परेशान हो रहे हैं. घर से बाहर निकलने पर लोगों की तबीयत बिगड़ने जैसी शिकायतें भी सामने आ रही है. इस वक्त कोरोना के कारण लोगों को चेहरे पर मास्क लगा के रखना पड़ रहा है जो कि बेहद जरूरी है लेकिन गर्मी के कारण लोगों को मास्क भी परेशान कर रहा है.
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