मानसून का आगे बढ़ना जारी, अगले पांच दिन नहीं चलेगी लू, गर्मी से मिलेगी राहत
भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर पश्चिमी भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात निसर्ग के कारण नमी के कारण बारिश हुई. उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में 15 जून तक लू चलने की संभावना नहीं है.
नई दिल्ली: देश के कई हिस्सों में शुक्रवार को वर्षा हुई जिससे अधिकतम तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया. वहीं मौसम विभाग ने आगामी पांच दिनों के दौरान लू नहीं चलने और अगले सप्ताह से मध्य और दक्षिण भारत में मानसून के जोर पकड़ने की उम्मीद जतायी. राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में दिन में वर्षा हुई. दिल्ली के सफदरजंग वेधशाला ने 1.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जबकि अयानगर और लोधी रोड मौसम केंद्र ने क्रमश: 21.7 मिमी और 0.6 मिमी वर्षा दर्ज की. शहर में 50 किमी प्रति घंटे की गति से हवा चली.
भारतीय मौसम विभाग के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि उत्तर पश्चिमी भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवात निसर्ग के कारण नमी के कारण बारिश हुई. उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में 15 जून तक लू चलने की संभावना नहीं है.
आईएमडी ने अपने दैनिक राष्ट्रीय बुलेटिन में कहा कि कवाली में (तटीय आंध्र प्रदेश) देश का सबसे अधिक तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. उसने कहा, ‘‘अगले पांच दिनों के दौरान देश में लू चलने की संभावना नहीं है.’’
मौसम विभाग ने मानसून को लेकर अपने अपडेट में कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर चक्रवाती प्रवाह बनने की संभावना के कारण और मॉनसून में प्रगति होने और अगले सप्ताह से मध्य और दक्षिण भारत में वर्षा गतिविधि के जोर पकड़ने की उम्मीद है. मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बनने और अगले सप्ताह ओडिशा की ओर इसके बढ़ने की संभावना है . कम दबाव एक प्रकार का चक्रवाती प्रवाह होता है और किसी चक्रवात का पहला चरण होता है . हालांकि यह जरूरी नहीं है कि कम दबाव का हर क्षेत्र तेज होकर चक्रवात बन जाए. महापात्र ने कहा, ‘‘इससे अगले सप्ताह मॉनसून के आगे बढ़ने और अच्छी बारिश होने की संभावना है.’’
मॉनसून ने एक जून को केरल में दस्तक दी थी. आम तौर पर इसी दिन मॉनसून दस्तक देता है . मौसम विभाग ने पूर्व में अनुमान लगाया था कि मॉनसून में चार दिन की देरी होगी लेकिन चक्रवात निसर्ग ने मॉनसून को तय समय पर केरल पहुंचने में मदद की . मौसम विभाग ने कहा, ‘‘अरब सागर, कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, बंगाल की खाड़ी के समस्त दक्षिणी-पूर्वी और पश्चिमी मध्य के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां हैं.’’
मौसम विभाग के मुताबिक, एक जून से देश में कुल मिलाकर सामान्य की तुलना में नौ प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. इय बीच उत्तरी राज्यों हरियाणा और पंजाब में भी वर्षा हुई और वहां अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे बना रहा. दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में शाम में वर्षा हुई और वहां अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से छह डिग्री कम है.
हरियाणा के अंबाला में अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से छह डिग्री कम है. पंजाब के अमृतसर में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो कि सामान्य से पांच डिग्री कम है. जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार राजस्थान में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा हुई. बाड़मेर में सबसे अधिक 22 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. अजमेर और कोटा में क्रमश: 5.1 मिलीमीटर और 4.1 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. वहीं अन्य स्थानों पर भी मानसून से से पहले की वर्षा हुई. बहार के हिस्सों में भी वर्षा दर्ज की गई.
देश के पूर्वोत्तर में अरुणाचल प्रदेश के शि-योमी जिले में एक पुल पिछले कुछ दिनों से हो रही वर्षा के चलते आयी बाढ़ में बह गया. इससे इस दूरदराज जिले का सड़क सम्पर्क टूट गया. अधिकारियों ने कहा कि इसे ठीक होने में कई दिन लग सकते हैं और इससे जिले के लोगों और जरूरी चीजों की आपूर्ति प्रभावित होगी.