Monsoon News: देशभर में पड़ रही भीषण गर्मी और हीटवेव से लोगों की हालत खराब हो चुकी है. इस बीच भारतीय मौसम विभाग ने अच्छी खबर दी है. मौसम विभाग ने बताया है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून गुरुवार (30 मई) को केरल में प्रवेश कर चुका है. मानसून अब पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ने लगा है. चक्रवाती तूफान रेमल की वजह से पहले से ही पूर्वोत्तर भारत में बारिश हुई है, जो अब मानसून के पहुंचने पर बढ़ने वाली है.
मौसम विभाग ने बताया है कि मानसून इस बार समय से पहले ही केरल पहुंच गया है. इस वजह से केरल में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है. दरअसल, कुछ दिन पहले ही चक्रवाती तूफान रेमल आया, जिसकी चलते मानसून का फ्लो तेजी के साथ बंगाल की खाड़ी तक पहुंच गया. यही वजह है कि अब पूर्वोत्तर की ओर भी बादल बढ़ने लगे हैं. रेमल के चलते शनिवार से ही पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत पूर्वोत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश देखने को मिली है.
मानसून के 31 मई को आने की जताई गई थी उम्मीद
आईएमडी ने बुधवार को ही साफ कर दिया था कि दक्षिण पश्चिम मानसून के केरल में पहुंचने के लिए अनुकूल माहौल बन रहा है. विभाग ने उम्मीद जताई थी कि मानसून समय से पहले ही पहुंच सकता है. इसने कहा था कि मानसून के 31 मई तक आने की उम्मीद है. हालांकि, मानसून ने 30 मई को ही दस्तक दे दी है. केरल के ज्यादातर हिस्सों में बुधवार से ही भारी बारिश हो रही है. कोच्चि और तिरुवनंतपुरम शहरों में बारिश की वजह से जलजमाव देखने को मिला है.
पूर्वोत्तर में कब तक पहुंच जाएंगे मानसून के बादल?
आमतौर पर अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम जैसे पूर्वोत्तर के राज्यों में मानसून की एंट्री 5 जून से होती है. हालांकि, बादलों के पूर्वोत्तर की ओर बढ़ने की वजह से उम्मीद की जा रही है कि यहां एक या दो दिन में मानसूनी बादल दस्तक दे देंगे. आईएमडी ने उम्मीद जताई है कि दक्षिण अरब सागर, लक्षद्वीप, बंगाल की खाड़ी के विभिन्न हिस्सों में मानसून आगे बढ़ने वाला है. इस दौरान भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है.
उत्तर भारत में कब होगी मानसून की एंट्री?
हालांकि, अभी सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि मानसून के बादल उत्तर भारत में कब पहुंचने वाले हैं. दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान जैसे राज्यों में सूरज आग बरसा रहा है. लोगों को हीटवेव से भी दो चार होना पड़ रहा है. मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में 15 जून के बाद मानसून दस्तक दे देंगे. ऐसे ही यूपी में 18 से 25 जून, बिहार में 13 से 18 जून, राजस्थान में 25 जून से 6 जुलाई, मध्य प्रदेश में 16 से 21 जून के बीच मानसून के पहुंचने की संभावना है.
देश के लिए क्यों जरूरी है मानसून?
दरअसल, मानसून की वजह से सिर्फ लोगों को गर्मी से राहत ही नहीं मिलती है, बल्कि ये खेती के लिए भी बहुत जरूरी है. कुल खेती योग्य क्षेत्र का 52 फीसदी मानसून पर ही निर्भर है. यहां से देश का 40 फीसदी प्रोडक्शन होता है. देश की 47 फीसदी आबादी जीवनयापन के लिए खेती पर ही निर्भर है. इसके अलावा बिजली उत्पादन और पीने के पानी के लिए जलाशयों को भरने के लिए भी मानसून जरूरी है.
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